हाशिए पर जा चुकी कांग्रेस पार्टी पिछले कुछ समय से काफी सक्रियता से अपनी अस्तित्व बचाने में जुटी है। यही कारण है कि पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी अपना प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। बल्कि अगर कहा जाए तो मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 15 सालों से जमी भाजपा की सरकार को धूल चटा दी, दूसरी ओर पांच साल से राजस्थान में जमी सरकार को उखाड़ फेंका। बिहार में लगभग तीन दशकों से सत्ता से बाहर कांग्रेस ने राजद के साथ मिलकर पिछले विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया और सरकार का हिस्सा भी रही। लेकिन नीतीश कुमार के पलटी मारने के कारण गठबंधन की सरकार को कुर्सी छोड़नी पड़ी। जमीन से जुड़े नेता मदन मोहन झा को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी है। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर कांग्रेस की तैयारी और बिहार की नीतीश कुमार की सरकार को लेकर मदन मोहन झा से जनमानस विवेचना के लिए अमलेंदु भूषण खां ने लंबी बातचीत की। पढ़िए बातचीत के मुख्य अंशः-
सवाल- महागठबंधन में दलों को शामिल करने की होड़ मची हुई है। कांग्रेस को महागठबंधन से फायदा होगा या नुकसान ?
जवाब – जनता को ठगने वाली जनविरोधी सरकार से लोग ठगा महसूस कर रहे हैं। ऐसे में लोगों ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को हटाने का मन बना लिया है। राष्ट्रीय जनतादल के तेजस्वी यादव हों या उपेंद्र कुशवाहा या फिर जीतनराम मांझी सभी दल यह विचार कर रहे हैं कि इस सरकार को किस तरह से हटाना है। दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर किसी तरह के शिकवा-शिकायत से जुड़ी कोई संभावना नहीं रहेगी।
सवाल- बिहार कांग्रेस को महागठबंधन से सीटें तो कम मिल सकती है
जवाब- सवाल यह नहीं है कि बिहार कांग्रेस को कम सीटें मिलेंगी। सवाल यह है कि केंद्र की जनविरोधी नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता में आने से रोकने का है।
सवाल – आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी ?
जवाब – इस मामले पर अभी कुछ कहना उचित नहीं है। महागठबंधन में अभी दलों का शामिल होना जारी है, इसलिए इस पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। समन्वय समिति की बैठक के बाद ही इसपर कुछ कहा जा सकता है।
सवाल – बिहार में कांग्रेस की स्थिति को आप किस रुप में देखते हैं ?
जवाब- राहुल गांधी के नेतृत्व से बिहार में कांग्रेस को काफी फायदा हुआ है। संगठन मजबूत हुआ है। एनडीए के साढ़े चार साल के कार्यकाल में बिहार के लोग ठगा महसूस कर रहे हैं। इसके कारण लोग कांग्रेस की ओर आशा भरी नजरों से देख रहे हैं। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम से लोगों में आशा बढ़ी है।
सवाल – नीतीश कुमार की सबसे बड़ी विफलता आप किसे मानते हैं ?
जवाब – बिहार में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। प्रशासन पंगु हो गया है। नीतीश कुमार ने चुनाव परिणाम का अपमान किया है। लोगों ने महागठबंधन को वोट दिया था, लेकिन नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ सरकार बनाकर उसे अपमानित किया है। चाहे किसानों के मामले हों या शिक्षकों का, चाहे महिलाओं का, उसे नीतीश कुमार ने सुलझाने के बदले उलझाने का काम किया है।
सवाल- बिहार में शिक्षा क्षेत्र में किसी भी पद पर स्थाई नियुक्तियां नहीं हो पा रही है। नीतीश कुमार से इस मामले पर कभी बात हुई है ?
जवाब- वित्त रहित शिक्षकों का मामला हो या नियोजित शिक्षकों का या अन्य। मैं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हूं, इसलिए मैने कईबार इन मामलों को सुलझाने का प्रयास किया। सिर्फ मैने ही नहीं सभी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने सीएम नीतीश कुमार से बात की है। लेकिन प्रयास पूरी तरह असफल रहा।
सवाल- बिहार में महागठबंधन की 2020 में सरकार बनती है तो शिक्षा क्षेत्र के लिए किस तरह की योजना बनाएगी ?
जवाब – किसी भी राज्य के विकास के लिए शिक्षा क्षेत्र में विकास होना बेहद जरुरी है। जबतक अचछे शिक्षक न हो तबतक शिक्षा क्षेत्र का विकास नहीं हो सकता। शिक्षा क्षेत्र को सुदृढ़ किए बिना बिहार का विकास नहीं हो सकता। इसके बिना अन्य राज्यों में बिहार के छात्रों को सम्मान नहीं मिल सकता। यदि सरकार बनती है तो शिक्षा क्षेत्र को मजबूत किया जाएगा।
सवाल- बिहार के बालिका गृह सेक्स स्कैंडल को आप किस रुप में देखते हैं ?
जवाब – यह बहुत ही शर्मनाक बात है। यह घटना पूरे बिहार को बदनाम कर रही है। सात साल की बच्ची के साथ रेप का मामला हो या अन्य लड़कियों के यौन शोषण के मामले हों, ऐसे मामलों की जितनी निंदा की जाए कम होगी। नीतीश सरकार से अपेक्षा की जा रही है कि इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई करे।