जनजीवन ब्यूरो / पंचकूला : समझौता ट्रेन विस्फोट मामले में बुधवार को एक विशेष अदालत ने स्वामी असीमानंद और तीन अन्य को बरी कर दिया. वर्ष 2007 में समझौता ट्रेन विस्फोट मामले में 68 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें ज्यादातर पाकिस्तानी थे.
एक पाकिस्तानी महिला ने उसके देश के गवाहों से पूछताछ किये जाने के लिए एक याचिका दायर की थी. एनआईए के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस याचिका में कोई विचारणीय मुद्दा नहीं है.
एनआईए के वकील राजन मल्होत्रा ने बताया, अदालत ने सभी चारों आरोपियों नबा कुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिन्दर चौधरी को बरी कर दिया.
गौरतलब है कि हरियाणा में पानीपत के निकट 18 फरवरी, 2007 को समझौता एक्सप्रेस में उस समय विस्फोट हुआ था, जब ट्रेन अमृतसर में अटारी की ओर जा रही थी.