जनजीवन ब्यूरो / नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को लेकर कहा है कि जिस तरीके से इस संस्था से पेश आया जा रहा है, हम उससे नाराज हैं। यदि ऐसा होगा तो हम काम नहीं कर पाएंगे। न्यायालय ने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ षड्यंत्र संबंधी वकील के दावों पर कहा कि इस संस्था को बदनाम करने के लिए एक सोचा समझा हमला और सोचा समझा खेल खेला जा रहा है।
न्यायालय ने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ षड्यंत्र संबंधी वकील के दावों पर कहा, इस संस्था को बदनाम करने के लिए एक सोचा समझा हमला किया जा रहा है और सोचा समझा खेल खेला जा रहा है। न्यायालय ने कहा कि चार से पांच प्रतिशत वकील ऐसे हैं जो इस महान संस्था को बदनाम कर रहे हैं।
इस दौरान अधिवक्ता उत्सव सिंह बैंस ने कहा कि वो एक और हलफनामा देकर कोर्ट को बताना चाहते हैं कि इस पूरे मामले में कोई जज या उनका रिश्तेदार असर डालने वालों में नहीं है। स्पेशल बेंच ने दोनों पक्षों की दलील सुनी। दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि उत्सव बैंस के आरोपों पर हम दोपहर दो बजे फैसला सुनाएंगे।
न्यायालय ने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ षड्यंत्र को लेकर वकील के दावों पर पूछा कि क्या देश में अमीर और ताकतवर लोग यह सोचते हैं कि वे उच्चतम न्यायालय को हाथों की कठपुतली बना सकते हैं? न्यायालय ने कहा कि चार से पांच प्रतिशत वकील ऐसे हैं जो इस महान संस्था को बदनाम कर रहे हैं।
बता दें कि बुधवार को अधिवक्ता उत्सव सिंह बैंस ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर दावा किया था कि शीर्ष अदालत के असंतुष्ट कर्मचारियों द्वारा फिक्सिंग का रैकेट चलाया जा रहा है और चीफ जस्टिस रंजन गोगई को फर्जी यौन उत्पीड़न मामले में फंसाने की साजिश रची गई है। उन्होंने सीलबंद लिफाफे में सीसीटीवी फुटेज सहित कुछ सुबूत सौंपे थे। मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी से करवाने के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता के सुझाव पर बेंच ने कहा, यह जांच का मामला नहीं।
सीबीआई, आईबी निदेशक और दिल्ली पुलिस कमिश्नर तलब
उत्सव के हलफनामे और सुबूतों को देखने के बाद जस्टिस मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा था, तथ्य बहुत परेशान करने वाले हैं। कोर्ट ने सीबीआई और आईबी निदेशक तथा दिल्ली पुलिस कमिश्नर को बुलाने का निर्देश दिया। बेंच ने अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल से कहा, हम अधिकारियों से चैंबर में व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहते हैं। इसके बाद बुधवार करीब साढ़े 12 बजे तीनों अधिकारी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और पीठ के सदस्यों से चैंबर में मिलकर चर्चा की। लंच के बाद दोबारा शुरू हुई सुनवाई में उत्सव ने कहा था कि उनके पास कुछ और संवेदनशील साक्ष्य हैं। उन्हें एक और हलफनामा दाखिल करने की इजाजत दी जाए। कोर्ट ने उनका अनुरोध स्वीकार कर सुनवाई बृहस्पतिवार तक के लिए टाल दी।
हम ऐसा उपद्रव बर्दाश्त नहीं कर सकते
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि उत्सव ने हलफनामे में दावा किया है कि सीजेआई के खिलाफ साजिश में तपन चक्रवर्ती, मानव शर्मा और कुछ अन्य कर्मचारी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि हम ऐसा उपद्रव बर्दाश्त नहीं कर सकते। गौरतलब है कि तपन और मानव को अनिल अंबानी से जुड़े अवमानना मामले में अदालती आदेश में छेड़छाड़ करने पर सीजेआई ने बर्खास्त किया था। सीजेआई पर आरोप लगने के बाद शनिवार को उत्सव ने फेसबुक पोस्ट लिखकर दावा किया था कि उन्हें सीजेआई के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए डेढ़ करोड़ रुपये देने की पेशकश की गई थी। उन्होंने आरोप को साजिश बताते हुए इसके पीछे बड़े कॉरपोरेट घराने का हाथ होने की भी बात कही है।