जनजीवन ब्यूरो / मुजफ्फरपुर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां एक चुनावी रैली में कहा कि जिन्होंने बिहार की पहचान बदली थी, वह इस चुनाव में केंद्र में अपनी सरकार बनाने के लिए नहीं लड़ रहे, बल्कि अपनी सदस्य संख्या बढ़ाने के लिए छटपटा रहे हैं। अपनी सदस्य संख्या बढ़ाने के लिए जी-तोड़ कोशिश करने वालों की ताकत बढ़ाने का मतलब है बिहार में लूट-पाट, अपहरण, भ्रष्टाचार के दिन वापस लाना है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के अब तक हो चुके चार चरणों के बाद कुछ लोग चारों खाने चित्त हो चुके हैं और अब अगले चरणों में यह तय करना है कि इनकी हार कितनी बड़ी होगी और भाजपा राजग की जीत कितनी भव्य होगी। नीतीश कुमार, रामविलास पासवान और सुशील कुमार मोदी सहित राजग के हमारे नेताओं के प्रयत्नों से बिहार ने बड़ी मुश्किल से अपने पुराने दौर को पीछे छोड़ा है लेकिन कुछ ताकतें बिहार में गिद्ध दृष्टि जमाए हुए हैं।
बिहार के मुजफ्फरपुर में पीएम मोदी की रैली की मुख्य बातें
1 – कुछ ताकतें बिहार को जाति, समाज के आधार पर बांटकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहती हैं, अपने भ्रष्टाचार, काले कारनामों को छिपाना चाहती हैं क्योंकि उनका इरादा है कि दिल्ली में कमजोर सरकार बने ताकि ये फिर से मनमानी कर सकें।
2- प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस की सहयोगी राजद के प्रमुख लालू प्रसाद की ओर इशारा करते हुए कहा कि यदि वे ताकत हासिल कर लेते हैं, तो बिहार में अराजकता के दिन वापस आ जाएंगे। मोदी ने कहा कि वे (लालू प्रसाद) जमानत पाने के लिए अदालत के चक्कर काट रहे हैं और इसलिए दिल्ली में मजबूत सरकार से डरते हैं ।
3- ये चाहें कितनी भी कोशिश कर लें, कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जो अभियान हमने चलाया है, उसकी रफ्तार धीमी नहीं पड़ेगी और जो बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल, फॉर्म हाउस खड़े हुए हैं, उसका भी हिसाब देना होगा।
4- याद करिए, वो दिन जब देश के बड़े-बड़े शहरों में कभी ट्रेन में, बाजार में, बस में, मंदिर में, रेलवे स्टेशन पर बम धमाके हुआ करते थे। बम धमाकों के उस दौर में कांग्रेस और उसके साथी, कैसे कमजोरों की तरह बर्ताव करते थे।
5- जितने भी महामिलावटी दल हैं उनमें ज्यादातर इतनी सीटों पर भी नहीं लड़ रहे कि लोकसभा में नेता विपक्ष का पद भी प्राप्त कर सकें। जिनके नसीब में नेता विपक्ष का पद नहीं है वो प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं।
6- फिर से ये लोग बिहार में गिद्ध दृष्टि जमाए हैं। ये बिहार को जाति, समाज के आधार पर बांटकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं। अपने भ्रष्टाचार, काले कारनामों को छिपाना चाहते हैं। उनका लक्ष्य है कि दिल्ली में कमजोर सरकार बने ताकि ये फिर से मनमानी कर सके
7- इनकी ज़मीन खिसक रही है, क्योंकि 5 वर्ष में सबका साथ-सबका विकास की राजनीतिक संस्कृति हमने विकसित की है। सामान्य वर्ग के गरीब युवाओं को 10% आरक्षण, सामाजिक सद्भाव का एक बहुत बड़ा प्रयास है, क्योंकि यह किसी दूसरे वर्ग के हक़ को छेड़े बिना दिया गया है:
8- हमने देश को लाल बत्ती की संस्कृति से बाहर निकाला है और गांव-गांव को एलईडी बल्ब की दूधिया बत्ती से रोशन कर दिया है। हम सबकी लाल बत्ती चली गई, लेकिन गरीब का घर बिजली से रोशन हो गया है।
9- हमने गांव-गांव में गरीब बहनों के घर में इज्जत घर यानि शौचालय देने का काम किया है। हमने उन गरीब बहनों तक मुफ्त गैस कनेक्शन पहुंचाने का काम किया है जो गरीब मां और बहनें पूरी उम्र धुएं में जीने को मजबूर थी।
10- 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे और फिर एक बार मोदी सरकार आएगी। तब हम बिहार के सभी किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ देने वाले हैं। फिलहाल इसके लिए 5 एकड़ की जो सीमा है वो हटा दी जाएगी।