जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। आतंकवाद को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर कड़ा हमला किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम आतंकवाद पर बहस चाहते हैं न कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह का लेक्चर। संसद के कामकाज के ठप होने पर कांग्रेस ने सवाल किया है कि मार्च माह में इसपर चर्चा क्यों नहीं हुई, उस समय तो संसद में कोई गतिरोध नहीं था। कांग्रेस ने भाजपा के सहयोगी दल अकाली दल का बचाव करते हुए उसकी सराहना तक कर डाली।
पंजाब के गुरदासपुर में 27 जुलाई को हुए आतंकवादी हमले के बारे में लोकसभा में अपना लिखित बयान पढ़ने के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व संप्रग सरकार पर आरोप लगाया कि उसने ‘हिंदू आतंकवाद’ की नई शब्दावली गढ़ कर आतंकवाद के विरूद्ध लड़ाई को कमजोर किया। इसके लिए उसने कुख्यात आतंकवादी हाफिज सईद से बधाई पायी लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार ऐसी शर्मनाक स्थिति कभी पैदा नहीं होने देगी। उन्होंने कहा, ‘यूपीए के गृह मंत्री ने हिंदू आतंकवाद की नयी टर्म को इजाद करके आतंकवादी घटनाओं की जांच की दिशा को बदलने का काम किया। यूपीए के गृह मंत्री द्वारा हिंदू आतंकवाद की टर्म को इजाद किए जाने पर हाफिज सईद ने उन्हें बधाई दी थी।’
आजाद ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पंजाब की अकालीदल की सरकार भाजपा की सहयोगी है लेकिन गुरदासपुर मामले में पंजाब सरकार ने मोदी सरकार को जवाब देकर भाजपा की आंखें खोलने का प्रयास की है।
मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि जो पार्टी आतंकवादियों को हवाई जहाज में बैठाकर उनको घर छोड़ आते हैं उस पार्टी की सरकार का लेक्चर सुनना कांग्रेस को पसंद नहीं है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ऊफा में पाकिस्तान से बातचीत के लिए हाथ बढ़ाते हैं और उसी समय पाकिस्तान से आतंकवादी हमला होता है। ऐसी सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है।
आजाद ने सवालिया लहजे में पूछा केंद्र सरकार माले गांव, समझौता एक्सप्रेस, हैदाराबाद समेत अन्य जगहों पर हुए बम विस्फोट को लेकर क्यों चुप है। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और बेअंत सिंह की हत्या में अलग अलग धर्म के लोग शामिल हैं। इसलिए गृहमंत्री हिंदू आतंकवाद का बहाना बनाकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते। आजाद ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार आतंकवाद को रोकने में पूरी तरह विफल रही है इसलिए लोगों का ध्यान हटाने के लिए अनाप शनाप बयान दे रही है।
आजाद ने कहा कि चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष व वर्तमान गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संप्रग सरकार पर आतंकवाद को रोकने में विफल बताया था और इसे रोकने का भरोसा आम लोगों को दिया था। लेकिन मोदी के सत्ता में आने पर सबा साल के दौरान आतंकवाद की जितनी घटनाएं हुई है उतनी तो संप्रग सरकार के कार्यकाल में नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि सदन के अंदर आतंकवाद के मसले पर कांग्रेस भी बहस चाहती है लेकिन राजनाथ सिंह का लेक्चर हम सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। आजाद ने कहा कि शुक्रवार को आतंकवाद पर बहस तो शुरु हुई लेकिन वह राजनाथ के लेक्चर में बदल गई।
आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विदेशी प्रतिनिधियों के साथ बैठक में गृहमंत्री या विदेश मंत्री को शामिल नहीं करते हैं जिसके कारण इन दोंनो मंत्रियों को आतंकवाद या अन्य मसलों की जानकारी ही नहीं होती है।