जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। म्यामार कुछ दिनों पहले आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई से भयभीत पूर्वोत्तर में सक्रिय उग्रवादी संगठन नेशनल काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुईबाह) ग्रुप ने केंद्र सरकार से शांति समझौता किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में समझौते पर साइन किए गए। इस मौके पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, गृहमंत्री राजनाथ सिंह , बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और नगा नेता मौजूद थे।
पीएम ने कहा, ‘हम दोनों (उग्रवादी संगठन और सरकार) एक-दूसरे को समझ नहीं पाए। इसलिए नगा समस्या छह दशक तक सुलझ नहीं सकी। हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है।’ उन्होंने नगालैंड समेत पूर्वोत्तर के लोगों के लिए इस समझौते को ऐतिहासिक बताया। प्रधानमंत्री ने नगालैंड के नेताओं का भी शुक्रिया अदा किया है।
NSCN(IM) की ओर से समझौते पर दस्तखत करने के बाद संगठन के नेता थुइंगलैंग मुइवा ने कहा कि नरेंद्र मोदी जैसे विजनरी पीएम की बदौलत ही ऐसा संभव हो सका है।
नगालैंड समेत पूर्वोत्तर के इलाकों में शांति कायम होने की उम्मीद बढ़ी। इस शांति समझौते के संबंध में बताया जाता है कि NSCN(IM) की तरफ से भारत सरकार को एक प्रपोजल आया था कि NSCN(IM) खपलांग ग्रुप के खिलाफ लड़ाई में भारत सरकार की मदद करने के लिए तैयार है और अगर भारत सरकार चाहे तो उसका कैडर ज़मीन पर ऑपरेशंस में भी सुरक्षा बालों की मदद करेगा। लेकिन NSCN(K) ग्रुप के अब भी सक्रिय होने की वजह से आगे उग्रवादी हमलों की आशंका बनी रहेगी।
NSCN(IM) यानी मुइवा ग्रुप भारत सरकार के साथ बातचीत कर रहा था। इस ग्रुप के ज्यादातर कैम्प नगालैंड के दीमापुर शहर के पास हेब्रोन में थे। इनमें 3500 उग्रवादी थे। इसका एरिया ऑफ़ इन्फ्लुएंस नगालैंड के अलावा अरुणाचल के तिराप, चांगलांग और मणिपुर के सेनापति, उरखुल और चंदेल इलाकों में है। इस ग्रुप के पास ज्यादा बड़ी संख्या में हथियार भी हैं।
उधर NSCN(K) ग्रुप फिलहाल म्यांमार में है। इसका एरिया ऑफ़ ऑपरेशन म्यांमार से सटे हुए इलाकों जैसे नगालैंड के कीफरे, मोन और तुएन्सांग (Tuensang) में हैं। इसमें फिलहाल 2000 उग्रवादी हैं और मुइवा के मुकाबले इस गुट के पास कम हथियार हैं। इस ग्रुप का नेता एस खपलांग फिलहाल म्यांमार के यांगून शहर में है। इस समय NSCN(K-खापलांग) के खिलाफ भारत सरकार की बड़े ऑपरेशन्स को अंजाम देने के साथ ही जमीन पर भी इस ग्रुप के खिलाफ लड़ाई छेड़ी हुई है।