जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट तेज हो गई है। केंद्र की अगली सरकार के गठन के मकसद से भाजपा विरोधी पार्टियां एकजुट होने लगी हैं। इसी को लेकर शनिवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेगलु देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात की। इस मुलाकात को विपक्षी पार्टियों को एक छत के भीतर लाने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। चंद्रबाबू नायडू ने सीपीआई नेता सुधाकर रेड्डी और डी राजा से भी मुलाकात की। राहुल गांधी से चंद्रबाबू नायडू की मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच भगवा पार्टी को सत्ता से बाहर करने के लिए भाजपा विरोधी मोर्चे के गठन को लेकर बातचीत हुई।
भाजपा के खिलाफ मजबूत गठबंधन को लेकर अखिलेश से नायडू की चर्चा
चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली में राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और एलजेडी नेता शरद यादव से मुलाकात करने के बाद लखनऊ का रूख किया । वह यहां के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीधे विक्रमादित्य मार्ग स्थित सपा कार्यालय पहुंचे, जहां अखिलेश यादव ने नायडू का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान बडी संख्या में सपा के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे । अखिलेश यादव ने इस मुलाकात के बारे में ट्वीट करते हुए लिखा- ‘सम्माननीय मुख्यमंत्री श्री एन चंद्रबाबू नायडू जी का लखनऊ में स्वागत कर प्रसन्नता हुई।’ सपा सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों का मजबूत गठबंधन तैयार करने को लेकर दोनों नेताओं के बीच संभवत: चर्चा हुई है।
नायडू ने मायावती को भेंट किए आंध्र प्रदेश के ‘आम’
अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद नायडू सीधे मायावती के मॉल एवेन्यू आवास के लिए रवाना हुए। जहां बसपा प्रमुख ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया । दोनों नेताओं ने एक दूसरे का अभिवादन किया । नायडू ने मायावती को आंध्रप्रदेश के आम भेंट किये । मुलाकात के दौरान बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी मौजूद रहे । बता दें कि चंद्रबाबू नायडू तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से कई दौर की बैठकें पहले ही कर चुके हैं । नायडू की तेदेपा पहले राजग में शामिल थी लेकिन, कुछ ही महीने पहले वह गठबंधन से अलग हुई है। विपक्षी दल अगली सरकार के गठन में भाजपा के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त मोर्चा तैयार करने में संलग्न हैं।