जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों को लेकर आशंकित विपक्ष को ईवीएम के मुद्दे पर दोहरा झटका लगा है। वीवीपैट के ईवीएम से 100 फीसदी मिलान की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को फटकार लगाई और कहा कि ऐसी अर्जियों को बार-बार ना लाएं। उधर चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के चार मामलों में विपक्ष की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा है कि ईवीएम सुरक्षित है और वे विश्वास बनाए रखें।
चुनाव आयोग ने कहा कि गाजीपुर, चंदौली, डुमरियागंज और झांसी में ईवीएम को लेकर जो आरोप लगाए गए वो सही नहीं हैं। जिन ईवीएम का मतदान में इस्तेमाल हुआ है वो पूरी तरह सुरक्षित हैं। इस बीच विपक्ष मंगलवार को ही ईवीएम को लेकर बैठक करने वाला है। विपक्षी दलों ने साथ मिलकर चुनाव आयोग से ईवीएम की शिकायत करने का भी फैसला लिया है।
इस बीच विपक्ष मंगलवार को ही ईवीएम को लेकर बैठक करने वाला है। विपक्षी दलों ने साथ मिलकर चुनाव आयोग से ईवीएम की शिकायत करने का भी फैसला लिया है। यही नहीं चुनाव आयोग ने यूपी के 4 मामलों में विपक्ष की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा है कि ईवीएम सेफ है और वे विश्वास बनाए रखें।
टेक्नोक्रैट्स के एक ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि वेरिफिकेशन के लिए सभी ईवीएम का वीवीपैट से मिलान किया जाना चाहिए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि यह मेरिट के मुताबिक नहीं है। इस बीच चुनाव आयोग ने यूपी के 4 जिलों में ईवीएम की सुरक्षा को लेकर विपक्ष की ओर से उठाए गए सवालों को खारिज किया है।
आयोग ने कहा कि सभी मामलों में ईवीएम और वीवीपैट को पार्टियों के उम्मीदवारों के सामने अच्छे से सील किया गया था और विडियोग्रफी की गई थी। सभी आरोप आधारहीन हैं। यही नहीं आयोग ने विपक्ष की ओर से गाजीपुर, चंदौली, डुमरियागंज और झांसी सीटों पर ईवीएम की सुरक्षा को लेकर शिकायत की गई थी। उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने बयान जारी कर सभी राजनीतिक दलों से कहा कि है कि वे भरोसा रखें, ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इस बीच बीजेपी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा है कि वह हार के डर से ईवीएम का बहाना बना रहा है।