जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। ललित मोदी मामले पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा में बोलते हुए सदन से इस मुद्दे पर चर्चा कराने का अनुरोध किया। सुषमा ने कहा, इस मामले में सोनिया जी ही होतीं तो क्या करतीं। ‘मीडिया में मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया गया, यदि मुझे अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला तो यह मेरे साथ अन्याय होगा। मैं हर सवाल का जवाब देने को तैयार हूं। इस पर कम से कम अगले हफ्ते चर्चा हो।’
उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। सुषमा ने कहा कि उन्होंने ललित मोदी के लिए कोई सिफारिश नहीं की। इसके साथ ही इस मामले में सबूत पेश करने की चुनौती दी।
सुषमा ने आगे वक्तव्य में आगे कहा, ‘वीज़ा मामले में मैंने फैसला ब्रिटिश सरकार पर छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि ललित मोदी की पत्नी 17 साल से कैंसर से पीड़ित हैं। 10वीं बार उनका कैंसर उभरा है। पुर्तगाल में जहां वह इलाज करा रही हैं, डॉक्टरों ने कहा कि इस बार आपका कैंसर जानलेवा है। उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहती हूं कि कोई और मेरी जगह होता तो क्या करता। आप (स्पीकर) होतीं तो क्या करतीं, सोनिया जी ही होतीं तो क्या करतीं। क्या एक कैंसर पीडि़त को मरने के लिए छोड़ देतीं। वह महिला जिसके खिलाफ दुनिया भर में कोई केस नहीं चल रहा, जो 17 वर्षों से कैंसर से पीड़ित है, जिसका कैंसर 10वीं बार उभरा है, ऐसी महिला की मदद करना अगर गुनाह है तो अध्यक्ष जी आपको साक्षी मानकर पूरे राष्ट्र के सामने अपना गुनाह कबूल करती हूं और सदन जो सजा देना चाहे, मैं भुगतने के लिए तैयार हूं।
विदेश मंत्री ने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि उन्होंने सिफारिश के लिए कोई मेल या चिट्ठी ब्रिटिश को भेजी हो तो वह सबूत दे।
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