जनजीवन ब्यूरो /रांची : झारखंड में कांग्रेस की बुरी तरह हार होने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बताया जाता है कि डॉ कुमार ने 23 मई की देर रात को अंतिम परिणाम जारी होने के बाद 24 मई को अपना इस्तीफा पार्टी सुप्रीमो को भेज दिया. डॉ कुमार ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा दिया है.
बताया जाता है कि लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद डॉ कुमार ने अपना इस्तीफा पार्टी आलाकमान को सौंप दिया. हालांकि, इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन वर्ष 2014 के आम चुनावों की तुलना में थोड़ा बेहतर रहा. सिंहभूम सीट से कांग्रेस उम्मीदवार गीता कोड़ा ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को बड़े अंतर से पराजित किया.
वहीं, खूंटी लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार कालीचरण मुंडा ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को कड़ी टक्कर दी. लोकसभा के उपाध्यक्ष रहे कड़िया मुंडा के गढ़ में भाजपा के दिग्गज नेता अर्जुन मुंडा महज 1400 वोटों से जीत दर्ज कर सके. कई राउंड में अर्जुन मुंडा कांग्रेस के कालीचरण मुंडा से पीछे रहे.
ज्ञात हो कि झारखंड में भारतीय जनता पार्टी को धूल चटाने के लिए डॉ अजय कुमार ने शिबू सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा, बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा, लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था. हालांकि, राजद के साथ गठबंधन पूरी तरह सफल नहीं हो सका और लोकसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन वैसा नहीं रहा, जिसकी उन्हें उम्मीद थी.
महागठबंधन के तहत कांग्रेस झारखंड में सात सीटों पर चुनाव लड़ी. उनमें से मात्र एक सीट सिंहभूम पर पार्टी को जीत हासिल हुई. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, कीर्ति आजाद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत जैसे दिग्गज चुनाव हार गये. पार्टी की इस हार के लिए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू ने डॉ अजय कुमार को जिम्मेदार ठहराया है.