जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने लोकसभा चुनावों के बाद पहली कैबिनेट बैठक बुलाई थी। इस बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू नहीं पहुंचे। बताया जाता है कि कैप्टन अमरिंदर ने कैबिनेट मीटिंग से नदारद रहने वाले सिद्धू के पर कतर दिए हैं। सिद्धू से स्थानीय निकाय विभाग की जिम्मेदारी वापस ले ली गई है। हालांकि, इसके बाद भी सिद्धू पंजाब कैबिनेट में मंत्री बने रहेंगे। उनके पास अभी पर्यटन एवं संस्कृति विभाग का प्रभार मौजूद है। इसके बाद सिद्धू ने कैप्टन पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अनुचित तरीके से कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है और कुछ लोग उन्हें पार्टी से बाहर निकालना चाहते हैं।
लोकल बॉडी का प्रभार वापस लेकर कैप्टन अमरिंदर ने सिद्धू को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि आगे भी उन पर कार्रवाई करने में वह हिचकेंगे नहीं।
इसके पहले चुनाव में अपने प्रदर्शन पर सवाल उठाए जाने पर सिद्धू ने कहा, ‘पंजाब में लोकसभा चुनाव में शहरी क्षेत्र की सीटों पर कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया है। मुख्यमंत्री ने मुझे दो जिलों की जिम्मेदारी दी थी और हमने इन दोनों जिलों में बड़ी जीत दर्ज की। ‘कांग्रेस के प्रदर्शन के लिए मुझ पर निशाना साधा जा रहा है, जो कि गलत है। हार सामूहिक जिम्मेदारी है। मुझे महत्वहीन नहीं समझा जा सकता है। सिर्फ मेरे ही खिलाफ ऐक्शन क्यों लिया जा रहा है? बाकी नेताओं-मंत्रियों के खिलाफ क्यों नहीं? मैं हमेशा ही बेहतर परफॉर्मर रहा हूं।’
लोगों को चीजों को सही नजरिए से देखना चाहिए। मुझे हल्के में नहीं लिया जा सकता। मैं शुरू से नतीजा देने वाला रहा हूं और मैं पंजाब के लोगों के प्रति जवाबदेह हूं।’ इस बयान के बाद सिद्धू से विभाग वापस लिए जाने की खबर आई।
कैबिनेट बैठक में सिद्धू के न पहुंचने को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई गईं। मीडिया में ऐसी रिपोर्टें आईं कि सिद्धू को इस बैठक के लिए नहीं बुलाया गया था। कैप्टन अमरिंदर ने अपने फैसले से सिद्धू को स्पष्ट संकेत दिया है कि कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से उनकी निकटता हर बार उनका बचाव नहीं कर सकती। दरअसल लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान सिद्धू ने कैप्टन पर यह कहते हुए तंज कसा था कि राज्य में सुखबीर सिंह बादल और मुख्यमंत्री के बीच ‘फ्रेंडली मैच’ खेला जा रहा है। कैप्टन का मानना है कि कांग्रेस पंजाब में और अच्छा प्रदर्शन कर सकती थी लेकिन सिद्धू के बयानों से पार्टी को नुकसान हुआ। कैप्टन ने कांग्रेस से सिद्धू को पंजाब से बाहर कहीं और भेजने का अनुरोध किया था।
बता दें कि लोकसभा चुनावों के समय से ही दोनों नेताओं में अनबन चल रही है। लोकसभा चुनाव 2019 में टिकट नहीं मिलने पर सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने कैप्टन के खिलाफ खुलकर नाराजगी जताई थी। इसका सिद्धू ने भी समर्थन किया था। इसके बाद सीएम अमरिंदर ने सिद्धू को महत्वाकांक्षी बताते हुए कहा था कि उन्हें लगता है कि शायद सिद्धू की ख्वाहिश मुख्यमंत्री बनने की है। इसके अलावा सीएम कैप्टन ने नवजोत सिद्धू के पाकिस्तान जाकर वहां के सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा से गले मिलने को लेकर कैप्टन ने उन पर वार किया था।