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जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। बिहार में जदयू, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस गठबंधन ने सीटों के बंटवारे पर फिलहाल मुहर लगा दिया है लेकिन लालू पर न तो कांग्रेस का विश्वास है और न ही नीतीश कुमार को। दोनों को लग रहा है कि लालू कब तय बात से पलट जाएंगे यह कहना मुश्किल है। दूसरी तरफ लालू भागलपुर दंगा के रिपोर्ट को लेकर नीतीश के प्रति आशंकित हैं।
राजद और जदयू सौ-सौ सीटों पर और कांग्रेस 40 सीटों पर बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। लेकिन नीतीश और लालू के खेमे में अंदरखाने बात चल रही है वह आशंका की नजरों से देखा जा रहा है। ऐसा नहीं कहा जा सकता कि यह गठबंधन टूटने जा रहा है । लेकिन इसबात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि गठबंधन के साथी लालू को आशंका भरी नजरों से नहीं देखा जा रहा है। कांग्रेस को डर है कि गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर सहमति बनने के बाद भी लालू पलट सकते हैं। नीतीश कुमार के साथियों को दो डर सता रहा है । नीतीश के खेमे के लोगों का कहना है कि लालू के मतदाता जदयू को वोट देगा इसकी कोई गारंटी नहीं है, क्योंकि 2009 के लोकसभा चुनाव में लालू के यादव वोट के लालच में ही राम विलास पासवान ने उनसे समझौता किया था। लेकिन पासवान को यादवों ने वोट नहीं दिया जिसके कारण पासवान को हार का मुंह देखना पड़ा।
नीतीश कुमार और उनके साथियों को दूसरा डर यह है कि चुनाव में अगर जनता दल यूनाइटेड की स्ट्राइक रेट राजद से कम रही तो लालू नीतीश को मुख्यमंत्री बनाने के वादे से मुकर सकते हैं । नीतीश के लालू विरोधी साथियों का यह भी कहना है कि मान लीजिए कि यह सब नहीं होता है फिर भी जिस तरह की सरकार बनेगी उसमें उन्हें काम करने की कितनी आजादी होगी। विपक्ष का हमला यह है कि इस सरकार की पच्चीस साल की एंटी इनकम्बेंसी है । यानी नीतीश कुमार को लालू के जंगल राज का भी बोझ उठाना पड़ेगा ।
लालू खेमे के एक नेता का कहना है कि नीतीश कुमार पर राजद को भी भरोसा नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण भागलपुर दंगा भी है। दंगे की जांच रिपोर्ट नीतीश कुमार विधानसभा में पेश करने वाले हैं। राजद के लोग सवाल कर रहे हैं कि जांच की अंतरिम रिपोर्ट काफी पहले आ गई थी। उसके आधार पर कारर्वाई भी हो चुकी है। फिर इस समय अंतिम रिपोर्ट पेश करने की क्या जरूरत है । भागलपुर दंगे में शामिल लोगों में यादवों की संख्या अच्छी खासी है। राजद को मुख्यमंत्री का यह कदम लालू विरोधी लग रहा है।
जिस तरह नीतीश के लोग यादव मतदाताओं को लेकर आशंकित हैं उसी तरह कुर्मी मतदाताओं को लेकर राजद भी आशंकित हैं। राजद के लोगों को विश्वास नहीं है कि कुर्मी मतदाता राजद को वोट करेंगे।
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