जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना नमामी गंगे के प्रति गंभीरता न बरतने और उत्तराखंड के दर्जन से ज्यादा योजनाओं को ठंडे बस्ते में डालने पर प्रदेश कांग्रेस ने राज्य की उपेक्षा करने का आरोप केंद्र सरकार पर लगाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का कहना है कि केंद्र की उपेक्षा के कारण राज्य के दस हजार से ज्यादा नौजवानों का रोजगार छिन लिया गया है। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ता केंद्रीय मंत्रियो का घेराव करने की योजना बना रही है।
मोदी सरकार द्वारा राज्य के प्रति बरते जा रहे भेदभाव पर उपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा कि नमामी गंगे प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है लेकिन इस योजना के लिए राज्य सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने नहीं स्वीकारा। राज्य सरकार ने गंगा स्वच्छता अभियान के लिए उत्तराखंड में जलसंवर्द्धन एवं प्रदूषण मुक्त करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था, लेकिन मोदी सरकार ने उसे स्वीकार नहीं किया। जबकि गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए उत्तराखंड की भागीदारी को नकारा नहीं जा सकता। प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार में गैर भाजपा सरकार है इसलिए मोदी सरकार नमामी गंगे कार्यक्रम में इन राज्यों को नजरअंदाज कर रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आम बजट में उत्तराखंड के संसाधनों में 5000 करोड़ रुपए की कटौती कर दी है जिसके कारण राज्य का संसाधन गड़बड़ा गया है। बेहतर तो यह होगा कि उन संसाधनों को वापस कर दिया जाता।
राज्य के भाजपा सांसदो को आडे़ हाथों लेते हुए किशोर ने कहा कि गांधी जी के तीन बंदरों की तरह सभी सांसद मुंह पर ताला लगाए हुए हैं। कांग्रेस शासन के दौरान राज्य के विकास के लिए केंद्र पोषित 31 योजनाएं चलाई जा रही थी, लेकिन मोदी शासन में उनमें से 16 योजनाओं को बंद कर दिया गया है। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार उत्तराखंड स्थित अपने सभी उपक्रमों को फिर से शुरु करे ताकि राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो सके। प्रदेश महामंत्री शिल्पी अरोड़ा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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