जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । दिल्ली मेट्रो के जनक ई श्रीधरन ने मेट्रो में महिलाओं को मुफ़्त यात्रा सुविधा देने की केजरीवाल सरकार की पहल को खतरनाक बताया है। श्रीधरन ने कहा है कि अगर यह व्यवस्था राष्ट्रीय राजधानी में लागू होती है तो अन्य शहरों में भी इसे लागू करने के लिए आंदोलन चलाया जा सकता है, इसलिए इसकी जगह सब्सिडी की राशि सीधे महिलाओं के बैंक खाते में जमा करने का सुझाव दिया है। ‘मेट्रो मैन’ के नाम से विख्यात श्रीधरन ने 10 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केजरीवाल सरकार के प्रस्ताव पर नाराजगी जतायी है।
सूत्रों के अनुसार श्रीधरन ने पत्र में कहा है कि अगर सरकार वास्तव में किसी को मुफ़्त यात्रा सुविधा देने के लिए कोई उपाय करना चाहती है तो इसके लिए मेट्रो की मौजूदा प्रणाली में कोई बदलाव करने की जगह लाभार्थी को लाभ राशि सीधे उसके बैंक खाते में देना (डीबीटी) बेहतर उपाय होगा।
उन्होंने कहा, ‘मेट्रो के व्यवस्थित तंत्र को बनाए रखने के लिए 2002 में मेट्रो सेवा शुरू होने के समय ही हमने किसी तरह की सब्सिडी नहीं देने का सैद्धांतिक फ़ैसला किया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी इसकी प्रशंसा की थी। इतना ही नहीं अटल जी ने भी उद्घाटन के समय खुद टिकट खरीदकर मेट्रो यात्रा कर इस बात का संदेश दिया था कि मेट्रो सेवा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है।’
श्रीधरन ने दलील दी कि सब्सिडी देने की परम्परा से मेट्रो प्रबंधन द्वारा विदेशी एजेंसियों से लिया गया क़र्ज़ अदा करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो की इस प्रतिबद्धता का पालन देश के अन्य शहरों की मेट्रो सेवा द्वारा भी किया जा रहा है।
अगर दिल्ली में मुफ़्त यात्रा सेवा शुरू होगी तो ऐसी मांग अन्य शहरों में भी उठेगी। श्रीधरन ने सुझाव दिया कि सरकार अगर चाहे तो अन्य सरकारी योजनाओं की तरह इस सब्सिडी को भी डीबीटी पद्धति से लाभार्थी के खाते में सीधे पहुंचाए।
केजरीवाल सरकार के प्रस्ताव पर नाखुशी जताते हुए श्रीधरन ने यह भी कहा कि सब्सिडी परंपरा से मेट्रो प्रबंधन द्वारा विदेशी एजेंसियों से लिया गया कर्ज चुकाने में मुश्किल होगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि मेट्रो को व्यवस्थित बनाए रखने के लिए ही जब 2002 में मेट्रो सेवा शुरू हुई तो यह फैसला लिया गया कि इसमें किसी तरह की सब्सिडी नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी इसे सराहा था और उद्घाटन के वक्त मेट्रो यात्रा के लिए खुद टिकट खरीदकर यह संदेश दिया था कि मेट्रो सेवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए यह जरूरी है। आज देश के अन्य शहरों में भी मेट्रो सेवा है और सभी जगह दिल्ली मेट्रो की इसी प्रतिबद्धता का पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में महिलाओं के लिए नि:शुल्क मेट्रो सेवा की शुरुआत होगी तो ऐसी मांग अन्य शहरों में भी उठेगी और देशभर में मेट्रो की व्यवस्था प्रभावित होगी।