जनजीवन ब्यूरो / पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित इलाजरत बच्चों के संबंध में एसकेएमसीएच अधीक्षक एवं चिकित्सकों से विस्तृत जानकारी ली. एसकेएमसीएच में बच्चों के परिजनों से भी मुख्यमंत्री ने बात की और उन्हें आश्वस्त किया कि इलाज में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जायेगी.
एसकेएमसीएच का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री ने अस्पताल के सेमिनार हॉल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, अस्पताल के अधीक्षक, प्राचार्य एवं चिकित्सकों से हर पहलू पर चर्चा कर बेहतर चिकित्सा के संबंध में कई दिशा-निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने कहा कि परिजनों से बात करने पर यह जानकारी मिली कि भूख नहीं लगने के कारण रात में बच्चा बिना भोजन किये ही सो गया और सुबह में उनकी तबीयत खराब हो गयी इसलिए इस एंगल से भी देखना होगा कि कहीं दिन में ही उसकी ऐसी स्थिति तो नहीं हो गयी थी जिसके कारण बच्चे को रात में भूख महसूस नहीं हुई.
उन्होंने कहा कि पूरा एरिया जो चमकी बुखार से प्रभावित है उसका एनवायरमेंटल स्टडी कराकर यह एनालिसिस करना होगा कि इससे बचाव के लिए प्राकृतिक एवं तकनीकी तौर पर क्या किया जा सकता है. गर्मी में अक्सर मच्छर गायब हो जाते हैं लेकिन उच्च तापमान, अस्वच्छता और ह्यूमिडिटी के कारण अगर प्रभावित इलाकों में मच्छर पाये जाते हैं तो उसका भी उपाय करना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित परिवारों के सामाजिक-आर्थिक अध्ययन के साथ-साथ साफ-सफाई के लिहाज से उनके घरों के वातावरण का भी आंकलन करना होगा.
उन्होंने कहा कि पेयजल कहीं गुणवत्ता प्रभावित तो नहीं है उसकी भी मॉनिटरिंग करवाइये. एक भी कच्चा घर नहीं रहे, इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और मुख्यमंत्री आवास योजना के जरिये जो मकान बनाये जाने हैं, उस पर भी ध्यान दीजिये. मुख्यमंत्री ने कहा कि जागरूकता अभियान के साथ-साथ और क्या कुछ करने की आवश्यकता है हर बिंदु पर गौर करके अग्रेतर कार्रवाई सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि पीड़ित और मृत बच्चों में लड़के एवं लड़कियों का क्या रेशियो है, इसकी भी जानकारी लीजिये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना से भी एक-एक परिवार को अवगत कराना होगा. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अस्पताल की क्षमता बढ़ाइये और यहां 2500 बेड की व्यवस्था सुनिश्चित करिये. इस दिशा में अविलंब फैसला लेते हुए तत्काल फर्स्ट फेज में 1500 बेड का प्रबंध करिये. उन्होंने कहा कि यहां एक धर्मशाला का भी निर्माण कराइये ताकि मरीजों के साथ आने वाले परिजनों को आवासन की दिक्कत न हो. इससे अस्पताल के अंदर अनावश्यक मूवमेंट पर भी रोक लगेगी. मुख्यमंत्री ने 50 वर्ष पुराने एसकेएमसीएच के रिनोवेशन की बात कही और दो साल के अंदर सभी काम पूरा करने का निर्देश दिया.
सीएम ने कहा कि 24 घंटे चिकित्सक उपलब्ध हों, इसके लिए एडिशनल चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित होनी चाहिए. अस्पताल अधीक्षक को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिदिन के क्रियाकलापों एवं वर्तमान स्थिति के संदर्भ में अस्पताल में मीडिया ब्रीफिंग का समय निर्धारित करिये. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा, विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर, मुख्य सचिव दीपक कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुजफ्फरपुर के प्रमंडल आयुक्त नर्मदेश्वर लाल, एसकेएमसीएच के अधीक्षक सुनील कुमार शाही, एसकेएमसीएच के प्राचार्य डॉ विकास कुमार, पीडियाट्रिक एचओडी डॉ गोपाल शंकर सहनी सहित कई अधिकारी उपस्थित थे.