मृत्युंजय कुमार / रांची । अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रांची के प्रभात तारा मैदान में 40 हजार लोगों के साथ 13 योगासन किए। इस बार योग दिवस की थीम है- योग फॉर हार्ट। इस दौरान मोदी ने कहा “योग अनुशासन और समर्पण है और इसका पालन जीवनभर करना होता है। योग आयु, रंग, जाति, संप्रदाय, मत, पंथ, अमीरी-गरीबी, प्रांत और सरहद के भेद से परे है। योग सभी के लिए है और सब योग के हैं।” उन्होंने कहा कि योग हमेशा से हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है और हमें इसके प्रसार के लिये आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि योग को गांवों तक ले जाया जाए। मोदी ने कहा, ‘अब मुझे आधुनिक योग की इस यात्रा को शहरों से गांवों, गरीबों और आदिवासियों के घरों की तरफ ले जानी है। मुझे योग को गरीब और आदिवासियों के जीवन का अभिन्न अंग बनाना है। क्योंकि बीमारी के कारण सबसे ज्यादा दर्द गरीबों को होता है।’
पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश और दुनिया को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, ‘आज दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लाखों लोग योग करने के लिए इकट्ठा हुए हैं। मैं योग को प्रचारित करने में अहम भूमिका निभाने के लिए मीडिया को धन्यवाद कहना चाहता हूं। आज के बदलते समय में हमारा ध्यान तंदरुस्ती के साथ ही बीमारियों से बचाव में होना चाहिए। यही वह शक्ति है जो हमें योग से मिलती है। यह योग की भावना है और प्राचीन भारतीय दर्शन भी है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘योग अनुशासन है, समर्पण हैं, और इसका पालन पूरे जीवन भर करना होता है। योग आयु, रंग, जाति, संप्रदाय, मत, पंथ, अमीरी-गरीबी, प्रांत, सरहद के भेद से परे है। योग सबका है और सब योग के हैं। आज हम ये कह सकते हैं कि भारत में योग के प्रति जागरूकता हर कोने तक, हर वर्ग तक पहुंची है। ड्राइंग रूम से बोर्ड रूम तक, शहरों के पार्क से लेकर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स तक, गली-कूचों से वेलनेस सेंटर्स तक आज चारों तरफ योग को अनुभव किया जा सकता है।’
उन्होंने आगे कहा, आज हमारे योग को दुनिया अपना रही है तो हमें योग से जुड़ी रीसर्च पर भी जोर देना होगा। इसके लिए जरूरी है कि हम योग को किसी दायरे को बांध कर ना रखें। योग को मेडिकल, फिजियोथेपेरपी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इनसे भी जोड़ना होगा। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और अन्य मंत्री रांची के प्रभात तारा मैदान में मौजूद रहे। लगभग 40,000 लोग कार्यक्रम में हिस्सा लिया
प्रधानमंत्री गुरुवार रात ही रांची पहुंच गए थे। मोदी के साथ योग करने के लिए करीब 40 हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। संख्या ज्यादा होने के चलते 12 हजार लोगों के लिए नजदीक स्थित दूसरे मैदान में योग करने की व्यवस्था की गई।
मोदी ने कहा- “ड्राइंग रूम से बोर्ड रूम तक, शहरों के पार्क से लेकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स तक आज योग है। गली-कूचों से वेलनेस सेंटर्स तक आज चारों तरफ योग को अनुभव किया जा सकता है।”
“आज के बदलते हुए समय में बीमारी से बचाव के साथ-साथ वेलनेस पर हमारा फोकस होना जरूरी है। यही शक्ति हमें योग से मिलती है। यही भावना योग की है, पुरातन भारतीय दर्शन की है। योग सिर्फ तभी नहीं होता, जब हम आधा घंटा जमीन या मैट पर होते हैं।”
“अब मुझे आधुनिक योग की यात्रा शहरों से गांवों की तरफ ले जानी है, गरीब और आदिवासी के घर तक ले जानी है। मुझे योग को गरीब और आदिवासी के जीवन का भी अभिन्न हिस्सा बनाना है, क्योंकि ये गरीब ही है जो बीमारी की वजह से सबसे ज्यादा कष्ट पाता है।”
28 स्कूलों के बच्चे हुए शामिल
28 स्कूलों के 2600 बच्चे भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। प्रभात तारा मैदान में हर प्रतिभागी को योग के लिए 24 स्क्वायर फीट की जगह मिली। 12 हजार लोग नजदीकी जेएससीए स्टेडियम और सेंट थॉमस स्कूल में योग किया।
कार्यक्रम स्थल पर जगह-जगह स्क्रीन लगाए गए। मंच भी इस तरह से डिजाइन किया गया कि ज्यादातर प्रतिभागी प्रधानमंत्री को देख सकें।
सुरक्षा के लिहाज से मैदान में 100 से अधिक सीसीटीवी लगाए गए। सुरक्षा के लिहाज से 4 हजार जवानों को तैनात किया गया।
इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य समारोह 2015 में नई दिल्ली में, 2016 में चंडीगढ़ में, 2017 में लखनऊ में और 2018 में देहरादून में आयोजित किया गया था।