जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर सोमवार को भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली। उनका भाजपा में शामिल होना औपचारिकता मात्र था। मोदी सरकार में उन्हें विदेश मंत्रालय का दायित्व पहले ही सौंपा जा चुका है।
देश के सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिकारों में से एक के. सुब्रह्मण्यम के बेटे एस जयशंकर को प्रधानमंत्री का करीबी माना जाता है। वह प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ अहम रणनीति बनाने में हिस्सा रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि जयशंकर का काम करने का तरीका प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति और जोखिम लेने के हिसाब से अच्छा रहा है। राजदूत के रूप में जयशंकर के काम करने के तरीके ने उन्हें विदेश सचिव के पद तक पहुंचा दिया।
बता दें कि जयशंकर 1977 के बैच के आईएफएस अधिकारी रहे हैं। जयशंकर ने सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की है। राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री के साथ ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एमफिल और पीएचडी की डिग्री हासिल की है। उन्हें परमाणु कूटनीति, अमेरिका और चीन के साथ संबंधों में बेहतर अनुभव है। उन्होंने 2008 के भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते को लेकर हुई वार्ता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।