जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की पोल आज लोकसभा में खुल गई। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि मेट्रो रेल सेवा में महिलाओं की मुफ्त यात्रा के संबंध में दिल्ली सरकार ने कोई प्रस्ताव उसके पास नहीं भेजा है। आवास और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने दिल्ली मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्रा के संबंध में जानकारी चाही थी।
पुरी ने लिखित उत्तर में बताया कि केंद्र सरकार का दिल्ली मेट्रो रेल सेवा में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने बताया कि मेट्रो रेल में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा सुविधा की स्वीकृति के लिए दिल्ली सरकार से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है और इसलिए उसे मंजूरी देने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।
डीटीसी ने लिखा था केजरीवाल सरकार को पत्र
डीटीसी और क्लस्टर बसों में महिलाओं के मुफ्त सफर के मामले में डीटीसी ने दिल्ली सरकार से कहा है कि बसों और मेट्रो में एक साथ मुफ्त सफर कराया जाए। आपको बता दें कि मेट्रो मैन ई श्रीधरन महिलाओं को मुफ्त सफर की योजना को लेकर कई सवाल खड़े किए थे।
अगर डीटीसी में पहले मुफ्त सफर की शुरुआत कर दी गई तो बसों में भीड़ बढ़ जाएगी। डीटीसी का नेटवर्क इसे संभाल नहीं पाएगा। इस संबंध में डीटीसी ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखा है। दिल्ली सरकार ने डीटीसी और मेट्रो में महिलाओं के लिए मुफ्त सफर की घोषणा की है। दोनों से इसके प्रस्ताव मांगे गए। डीएमआरसी ने इसे मेट्रो में लागू करने के लिए आठ महीने का समय मांगा था। उसके बाद किराया निर्धारण समिति से मंजूरी की बात कही।
मेट्रो के में हो रही देरी को देखते हुए सरकार ने इसे डीटीसी में पहले लागू करने का फैसला लिया। परिवहन मंत्री ने इस संबंध में कई बैठकें अफसरों के साथ कीं। पहले डीटीसी ने पिंक पास की बत कही। इसे दिव्यांग पास की तर्ज पर जारी करने की बात कही गई। अब डीटीसी ने सरकार को पत्र लिखा है कि डीटीसी और मेट्रो में एक साथ महिलाओं के लिए मुफ्त सफर किया जाए।