जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को पहली बार लोकसभा में जम्मू-कश्मीर की मौजूदा समस्याओं को लेकर कांग्रेस, फारुख अब्दुला और पीडीपी को लताड़ लगाते हुए कहा कि इन हालातों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार हैं। शाह ने लोकसभा में घाटी पर जारी चर्चा के जवाब में कहा कि धर्म के नाम देश का बंटवारा करना नेहरू की ऐतिहासिक भूल थी। विपक्ष पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि टुकड़े-टुकड़े गैंग को डर जरुर लगना चाहिए।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, ”सीजफायर को वापस कौन लाया? इसके लिए नेहरू जिम्मेदार हैं। उनकी गलती से आज कश्मीर का एक तिहाई हिस्सा (पीओके) पाकिस्तान के कब्जे में है।”गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में कांग्रेस पर जमकर हमला किया। अमित शाह ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने पाकिस्तान के साथ सीजफायर का फैसला किया। भारत ने एक तिहाई कश्मीर कांग्रेस के कारण गंवाया। कांग्रेस की गलतियों से हजारों लोग मारे गए। पिछली सरकारों ने राष्ट्रविरोधी तत्वों का बचाव किया। अब ऐसे लोगों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा कि किसने कश्मीर में सीजफायर का फैसला लिया? ये जवाहर लाल नेहरू ने किया और कश्मीर का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान को दे दिया। आप कहते हैं कि हम लोगों को विश्वास में नहीं लेते हैं, लेकिन नेहरू जी ने उस समय के गृह मंत्री को भरोसे में लिए बिना ये फैसला लिया।
शाह ने कहा मनीष तिवारी आज देश के विभाजन पर सवाल उठा रहे हैं मैं इनसे पूछना चाहता हूं कि देश का विभाजन किसने किया था? आज कश्मीर का एक तिहाई हिस्सा भारत के पास नहीं है, ऐसा किसके कारण हुआ । जम्मू कश्मीर की आवाम और भारत की आवाम के बीच एक खाई पैदा की गई क्योंकि पहले से ही भरोसा बनाने की कोशिश ही नहीं की गई ।
अमित शाह के इस बयान पर संसद में हंगामा मच गया। लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, मनीष तिवारी सहित कई कांग्रेस सांसदों ने इस बयान का विरोध किया जिससे सदन में हंगामे की स्थिति पैदा हो गई। स्पीकर को दखल देकर मामला शांत कराना पड़ा।
इससे पहले अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंक के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई है औक मैं विश्वस्त हूं कि हम अपने नागरिकों के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।
कांग्रेस पर लगातार वार, कहा- ये लोग अब हमें लोकतंत्र सिखाएंगे?
शाह ने कांग्रेस और विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘वे कह रहे हैं कि हम जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं। इस समय से पहले, अब तक यहां 132 बार अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) लगाया गया है, इनमें से 93 बार यह कांग्रेस ने किया है। अब ये लोग हमें लोकतंत्र सिखाएंगे?’
गृह मंत्री ने कहा, ‘जमात-ए-इस्लामी को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया गया था? आप किसे खुश करना चाहते थे? वो भाजपा सरकार थी जिसने जमात-ए-इस्लामी को प्रतिबंधित किया। जेकेएलएफ (जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट) पर प्रतिबंध किसने लगाया? ये काम भी भाजपा ने किया था।’
‘शेख अब्दुल्ला को कश्मीर का प्रधानमंत्री कांग्रेस ने बनाया’
शाह ने कहा कि साल 1931 में शेख अब्दुल्ला की अध्यक्षता में मुस्लिम कॉन्फ्रेंस की स्थापना हुई थी, लंबे समय तक कांग्रेस ने यहां अपनी इकाई की शुरुआत नहीं की और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस का समर्थन किया। कांग्रेस ने अपने सभी अंडे अब्दुल्ला की टोकरी में रखे लेकिन अब्दुल्ला टोकरी लेकर भाग गए, जिसका परिणाम यह निकला कि शेख अब्दुल्ला वहां के राष्ट्रपति बन गए।
उन्होंने कहा, ‘साल 1953 में जब एसपी मुखर्जी एक देश में दो प्रधानमंत्री होने के नियम के खिलाफ विरोध करने कश्मीर गए थे तो उन्हें जेल में डाल दिया गया था। उनकी मौत की भी जांच नहीं की गई। क्यो? क्या वह एक वरिष्ठ विपक्षी नेता नहीं थे? क्या वह बंगाल के एक नेता नहीं थे, केंद्रीय मंत्री नहीं थे?’
‘जो भारत के खिलाफ हैं उनके दिल में डर होना जरूरी’
गृह मंत्री ने कहा, ‘एक समय ऐसा था जब कश्मीर में भारत का नामोनिशान नहीं था। भारतीय स्टेट बैंक के बोर्ड पर वहां भारत शब्द को कपड़े से ढक दिया जाता था। मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी ने अपना जीवन खतरे में डाला और लाल चौक पर तिरंगा फहराया। हम तब सत्ता में नहीं थे।’
उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग कहते हैं कि वहां भय का माहौल है। जो लोग भारत के खिलाफ हैं उनके दिल में डर होना ही चाहिए। हम टुकड़े-टुकड़े गैंग का हिस्सा नहीं हैं। हम जम्मू-कश्मीर की आम जनता के खिलाफ नहीं हैं, हमने उनको सरकारी नौकरियां दिलवाने और सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।’ जिनके मन में जम्मू कश्मीर में आग लगाने की मंशा है, कश्मीर को भारत से अलग करने की करने की मंशा है, अलगाववाद खड़ा करने की मंशा है उनके लिए मैं कहना चाहता हूं कि हां उनके मन में अब भय है, रहेगा और आगे ज्यादा बढ़ेगा।
देश में आतंकवाद की समस्या है वो पड़ोस के देश से आती है। कश्मीर का आतंकवाद पाक प्रेरित आतंकवाद है। मोदी जी की सरकार आने के बाद आतंकवादियों की जड़ में घुसकर इनके दिल दहलाने वाले हमले कराने का काम हुआ: अमित शाह
23 जून 1953 को जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू कश्मीर के संविधान का, परमिट प्रथा का और देश में दो प्रधानमंत्री का विरोध करते हुए जम्मू कश्मीर गए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और वहां उनकी संदेहास्पद मृत्यु हो गई। इसकी जांच होनी चाहिए या नहीं, क्योंकि मुखर्जी जी विपक्ष के नेता थे, देश के और बंगाल के नेता थे। आज बंगाल अगर देश का हिस्सा है तो इसमें मुखर्जी जी का बहुत बड़ा योगदान है।
हम कश्मीर की आवाम की चिंता करने वाली सरकार हैं। आज तक पंचायतों को पंच और सरपंच चुनने का अधिकार ही नहीं दिया गया था। सिर्फ तीन ही परिवार इतने साल तक कश्मीर में शासन करते रहे। ग्राम पंचायत, नगर पंचायत सब का शासन वही करें और सरकार भी वही चलाएं। ऐसा क्यों होना चाहिए।