नई दिल्ली । बजट 2019 पेश करने के साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया। देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ओर पुरानी परंपरा तोड़ते हुए ब्रीफकेस की जगह फोल्डर में बजट लेकर आईं तो दूसरी ओर बजट में गरीब वर्ग को कई तोहफे भी दिए।
‘‘गांव, गरीब और किसान’’ तथा प्रत्येक नागरिक के जीवन को ‘‘अधिक सरल’’ बनाने के लक्ष्य के साथ पेश किए गये आम बजट में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मीडिया, विमानन, बीमा और एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों को उदार करने का प्रस्ताव किया गया है।
बजट में बुनियादी आर्थिक और सामाजिक ढांच के विस्तार, पेंशन और वीमा योजाओं को आम लोगों की पहुंच के दायरे में ले जाने के विभिन्न प्रस्ताव किए गए है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुक्रवार को लोकसभा में पेश किए गए वित्त वर्ष 2019-20 के अपने बजट भाषण में कहा कि हालिया चुनाव में एक आकर्षक और मजबूत भारत की उम्मीदें लहरा रही थीं और लोगों ने एक ऐसी सरकार को चुना जिसने काम कर के दिखाया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने अपने पहले कार्यकाल में ‘न्यू इंडिया’ के लिए काम शुरू कर दिया था। अब इन कार्यों की रफ्तार बढ़ाई जाएगी और आगे चलकर लालफीताशाही को और कम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पहले कार्यकाल में काम को पूरा कर के दिखाया। आम चुनाव में मतदाताओं ने काम करने वाली सरकार के पक्ष में मत दिया। उन्होंने कहा कि हमने अंतिम छोर तक कार्यक्रमों को पहुंचाया। अब कार्यक्रमों की रफ्तार तेज की जाएगी और लालफीताशाही को कम किया जाएगा।
बजट में देश के तीन करोड़ खुदरा कारोबारियों और दुकानदारों को पेंशन सुविधा के तहत लाने की भी घोषणा की गयी है।
उन्होंने कहा कि डेढ़ करोड़ रूपये से कम के सालाना कारोबार वाले तीन करोड़ खुदरा कारोबारियों एवं दुकानदारों को प्रधानमंत्री कर्मयोगी मानधन योजना के तहत पेंशन योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिये शुरू की गई प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना को अब तक 30 लाख कामगारों ने अपनाया। इस योजना को अपनाने वाले कामगारों को 60 साल की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन की सुविधा उपलब्ध होगी। योजना की शुरुआत पिछले साल प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद में की थी।
सीतारमण ने कि कहा कि बीते वित्त वर्ष में देश में 64.37 अरब डॉलर का एफडीआई आया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2017-18 से छह प्रतिशत अधिक है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मैं इस लाभ को और बेहतर करने का प्रस्ताव करती हूं जिससे भारत को विदेशी निवेश के लिए और अधिक आकर्षक गंतव्य बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार विमानन, मीडिया, एवीजीसी (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स) तथा बीमा क्षेत्रों को एफडीआई के लिए और खोलने को अंशधारकों के साथ विचार विमर्श करेगी।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि बीमा क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों के लिए 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी जाएगी। साथ ही एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में स्थानीय खरीद के नियमों में ढील दी जाएगी। अभी एफडीआई नीति के तहत बीमा क्षेत्र में 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। इसमें बीमा ब्रोकिंग, बीमा कंपनियां, तीसरा पक्ष प्रशासक (टीपीए), सर्वेयर और नुकसान आकलनकर्ता शामिल हैं।
देश की पहली पूर्ण कालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में अपना प्रथम बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार का मकसद ‘‘हमारे नागरिकों के जीवन को अधिक सरल बनाना है।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वच्छता अभियान पर दिये जाने वाले जोर की प्रतिध्वनि वित्त मंत्री के बजट भाषण में भी सुनाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘यह सूचना देते हुए प्रसन्न एवं संतुष्ट हूं कि भारत को दो अक्तूबर 2019 को खुले में शौच करने से मुक्त घोषित किया जाएगा।’’
वित्त मंत्री ने किराये वाले मकानों के क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि किराये वाले मकानों को प्रोत्साहन देने के लिए कई सुधार किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून काफी पुराने हैं क्योंकि वे पट्टा देने वाले और पट्टा लेने वालों के संबंधों की समस्याओं का ढंग से निदान नहीं कर पाते।
उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रम कानूनों को सरल कर चार कानून संहिताएं तय की जाएंगी। इसका मकसद रिटर्न दाखिले और पंजीकरण का मानकीकरण करना और विवादों को घटना है।
महिला उद्मियों की चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि प्रत्येक स्वयं सेवी समूह की प्रमाणित महिला सदस्य का जन धन खाता होगा और उन्हें पांच हजार रूपये के ओवर ड्राफ्ट की सुविधा मिलेगी।
सरकार के प्रत्येक कार्य एवं योजना के केन्द्र में ‘‘गांव, गरीब और किसान’’ होने का दावा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि 2022 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार में बिजली का कनेक्शन और स्वच्छ ईधन आधारित रसोई सुविधा होगी।
वित्त मंत्री ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-20 का आम बजट पेश करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘हम जो भी करते हैं, सरकार के प्रत्येक कार्य एवं प्रत्येक योजना के केन्द्र में गांव, गरीब और किसान होता है।’’
उन्होंने कहा कि जो लोग कनेक्शन नहीं लेना चाहते, उन्हें छोड़कर 2022 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार में बिजली कनेक्शन और स्वच्छ ईधन आधारित रसोई सुविधा होगी।
सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में 80,250 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से 1,25000 किलोमीटर सड़कें बनाई जाएंगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 2019-20 से 2021-22 तक पात्रता रखने वाले लाभार्थियों को 1.95 करोड़ मकान मुहैया कराये जाएंगे। इनमें रसोई गैस, बिजली एवं शौचालयों जैसी सुविधा होगी।
ऐसे जानिए बजट को
किसान
10 हजार नए किसान उत्पादक संगठनों का अगले 5 साल में निर्माण किया जाएगा।
जीरो बजट खेती पर जोर दिया जाएगा। खेती के बुनियादी तरीकों पर लौटना इसका उद्देश्य है। इसी से किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य पूरा होगा।
खाद्यानों, दलहनों, तिलहनों, फलों और सब्जियों की स्व-पर्याप्तता और निर्यात पर विशेष रूप से जोर दिया गया।
महिला-युवा
नारी तू नारायणी योजना लॉन्च होगी। एक कमेटी बनेगी जो देश के विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर सुझाव रखेगी।
जनधन बैंक खाता रखने वाली महिलाओं को 5000 रुपए के ओवर ड्राफ्ट की सुविधा मिलेगी।
सेल्फ हेल्प ग्रुप में काम करने वाली किसी एक महिला को मुद्रा स्कीम के तहत 1 लाख रुपए का कर्ज मिल सकेगा।
उद्योग
हवाई क्षेत्र, मीडिया, एनिमेशन, बीमा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाने की संभावनाएं खोजी जाएंगी।
मध्यवर्ती बीमा संस्थाओं में 100% एफडीआई की इजाजत।
रिटेल सेक्टर को बढ़ावा। सिंगल ब्रांड रिटेल में निवेश मानक आसान किए जाएंगे।
स्टार्टअप्स के लिए एक्सक्लूसिव टीवी चैनल शुरू होगा, स्फूर्ति और एस्पायर योजनाओं का विस्तार होगा।
एमएसएमई के लिए 350 करोड़ रुपए का आवंटन। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू होगा।
शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों में न्यूनतम सरकारी शेयरधारिता 25% से बढ़ाकर 35% करने का प्रस्ताव।
भारत के सृजनात्मक उद्योगों को अर्थव्यवस्था से जोड़ा जाएगा। उनकी बौद्धिक संपदा संरक्षित कर उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच दी जाएगी।
शिक्षा
शिक्षा व्यवस्था को बदलने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई जाएगी। 400 करोड़ रु. से विश्व स्तरीय संस्थान बनाए जाएंगे।
नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बनाने का प्रस्ताव। इसके जरिए विभागों के झगड़े सुलझाए जाएंगे। राष्ट्रीय हित की रिसर्च को प्राथमिकता दी जाएगी।
राष्ट्रीय हित के रिसर्च को प्राथमिकता दी जाएगी।
व्यापारी
प्रधानमंत्री कर्मयोगी मानधन योजना से 1.5 करोड़ रु. से कम कारोबार वाले खुदरा व्यापारियों को पेंशन लाभ।
सभी दुकानदारों को 59 मिनट में लोन। 3 करोड़ छोटे दुकानदारों को फायदा।
शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों में न्यूनतम सरकारी शेयरधारिता 25% से बढ़ाकर 35% करने का प्रस्ताव।
पीपीपी के जरिए जुटाए गए निवेश से रेलवे का तेज विकास और पैसेंजर फ्रेट सर्विस शुरू होगी।