जनजीवन ब्यूरो / जयपुर: राजस्थान में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने का सिलसिला जारी है। अलवर में भीड़ ने पीट-पीट कर फिर एक युवक की जान ले ली है। अलवर के थलसा गांव में हरीश जाटव नाम के शख्स की भीड़ ने इस कदर पिटाई की कि उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मामला बृहस्पतिवार का है। हरीश जाटव अपनी बाईक से जा रहे थे तभी चौपानकी पुलिस स्टेशन के पास उसकी बाइक एक बुजुर्ग महिला से टकरा गई। इसके बाद लोगों की भीड़ एकत्र हो गई है और पीट-पीटकर हरीश जाटव को अधमरा कर दिया।
हरीश के सिर में गंभीर चोट आने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रैफर किया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अलवर में हुई इस घटना के बाद एक बार फिर गहलोत सरकार पर प्रश्न चिह्न उठने शुरू हो गए हैं। एक तरफ मुख्यमंत्री लिंचिंग को लेकर नया कानून बनाने की बात कर रहे हैं वहीं राज्य पुलिस साधारण कानून व्यवस्था को भी सही तरीके से लागू नहीं कर पा रही है। राजस्थान में यह मॉब लिचिंग का पहला मामला नहीं हैं, बल्कि इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं।
अलवर की इस मॉब लिंचिंग घटना में मारे गए हरीश के पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘किसी ने हमें बताया कि आपके बेटे का एक्सीडेंट हो गया है। हमने वहां जाकर देखा तो कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ था। हमारे बच्चे को मारा गया।’ परिवार ने इस मामले में न्याय की मांग करते हुए आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
राजस्थान में यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह की मॉब लिंचिंग की घटना हुई हो। मॉब लिंचिंग की घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी है। अलवर के पहलू खान को 2017 में भीड़ ने पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था। इलाज के दौरान पहलू खान की अस्पताल में मौत हो गई। पहलू खान पर गोतस्करी का शक था।
रकबर खान की हत्या
इसी तरह का मामला राजस्थान के रामगढ़ में भी आया था जहां पुलिस की लापरवाही की वजह से रकबर खान उर्फ अकबर खान की मौत हो गई थी। इसी साल जुलाई में रकबर खान ने अपने एक साथी के साथ गाय लेकर पैदल जा रहा था जिसके बाद गांव वालों ने उसे रोका और वह हमले का शिकार हो गया।