जनजीवन ब्यूरो / रांची : झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के चौथे दिन झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के बीच तीखी नोंक झोंक हुई जिसके बाद सदन को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दल ने स्थानीय नीति और नियोजन नीति के विरोध में हंगामा शुरू कर दिया था।
सदन में विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झामुमो के नेता वेल में आ गये। विरोधी दल स्थानीय नीति और नियोजन नीति का विरोध करते हुए नारेबाजी की। झामुमो विधायक स्थानीय और नियोजन नीति को रद्द करने की मांग कर रहे थे। हेमंत सोरेन ने सरकारी शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी के आरोप लगाये। उन्होंने शिक्षक नियुक्ति की सीबीआई जांच कराने की मांग की।
स्पीकर ने विरोधी दल के विधायकों से अपनी सीट पर जाने का आग्रह किया, लेकिन वे नहीं माने। स्पीकर दिनेश उरांव ने सदन की कार्यवाही 11:45 बजे तक स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन और नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के बीच तीखी बहस हो गयी। जिसके बाद सदन को दोपहर दो बजे तक स्थगित करना पड़ा।
इससे पहले, मॉनसून सत्र के चौथे दिन विधायकों ने सदन के अंदर और बाहर जमकर हंगामा किया। स्थानीय युवाओं को रोजगार दो, बाहरी लोगों को नौकरी देने वाली नियोजन नीति नहीं चलेगी, 10+2 में हुई बाहरी शिक्षकों की बहाली रद्द करो की मांग करती तख्तियां लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। विधानसभा के अंदर स्थानीय नीति और नियोजन नीति में बदलाव की मांग पर झामुमो के नेता हंगामा करते हुए वेल में पहुंच गये। स्पीकर के बार-बार समझाने पर भी वे अपनी जगह पर नहीं लौटे।
सत्ता पक्ष के विपक्ष के विधायकों के खिलाफ ‘नौटंकी बंद करो’, ‘झूठ बोलना बंद करो’ के नारे लगाये. दोनों ओर से लगातार हंगामा होता देख स्पीकर दिनेश उरांव ने 11:19 बजे सदन की कार्यवाही 11:45 तक स्थगित कर दी।
उधर, कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी सूखे घास-फूस लेकर विधानसभा पहुंचे. सदन के बाहर पैंट के ऊपर नीले रंग का तौलिया और सिर में पीले रंग का मुरेठा बांध रखा था। उन्होंने झारखंड को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की।