जनजीवन ब्यूरो
कश्मीर।नजरबंद कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक सहित शीर्ष नेताओं को कुछ ही घंटे बाद इससे मुक्त कर दिया गया । इस कार्रवाई को पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज के साथ दिल्ली में रविवार को उनकी प्रस्तावित बैठक से जोड़कर देखा जा रहा था ।
एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘‘आज सुबह हिरासत में लिए गए या नजरबंद किए गए सभी अलगाववादी नेताओं को रिहा कर दिया गया है। हालांकि, हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के प्रवक्ता अकबर ने कहा कि अन्य नेताओं को रिहा कर दिया गया है, लेकिन गिलानी अब भी नजरबंद हैं ।
रविवार को भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाली एनएसए स्तर की बातचीत से पहले कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को उनके घरों के अंदर ही नजरबंद कर दिया गया है। घरों के बाहर पुलिस की टुकड़ियों को निगरानी के लिए तैनात कर दिया गया है ताकि वे अपने घर से बाहर ना निकल सकें। वहीं, 14 अगस्त के दिन कश्मीर में पाकिस्तानी झंडा दिखाने वाली आसिया अंद्राबी के घर छापा मारा गया है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अज़ीज़ से उनकी मुलाकात को रोकने के लिए ऐसा किया गया है।
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने सैयद अली गिलानी, मीरवाइज़ उमर, यासीन मलिक और शब्बीर शाह को सरताज अज़ीज़ से मुलाकात का न्यौता दिया था। भारत के सुरक्षा सलाहकार अजित दोभाल और पाकिस्तान के एनएसए सरताज अज़ीज़ के बीच बातचीत के पहले इस मुलाकात का निमंत्रण दिया गया।
बता दें कि पाकिस्तानी हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने मंगलवार रात कश्मीरी अलगाववादियों को न्योता भेजा था। इसमें कहा गया था कि 23 अगस्त को कश्मीरी अलगाववादी नेता हाई कमिशन में दावत पर आएं। इस दौरान पाकिस्तान के नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर सरताज अजीज भी मौजूद रहेंगे। यानी पाकिस्तान उसी दिन कश्मीरी अलगाववादियों से मिलना चाहता है जिस दिन हमारे एनएसए अजीत डोभाल की सरताज अजीज के साथ मीटिंग होगी। जब बुधवार को अलगाववादियों ने पाकिस्तानी हाई कमिशन का न्योता मंजूर कर लिया तो भारत ने कहा था कि वह इसका करारा जवाब देगा।
सैयद अली गिलानी के प्रवक्ता अयाज़ अक़बर ने कहा, “सुबह हमें मुख्य दरवाज़े पर बड़ी तादाद में पुलिस देख कर अचंभा हुआ। पुलिसकर्मी सादी वर्दी में भी थे. वे हमें अपने दफ्तर और हमारे नेता के आवास से बाहर या अंदर जाने से रोक रहे थे। ”
दिल्ली में अधिकारियों को लगता है कि कश्मीरी अलगाववादियों से ‘सलाह’ लेने के पाकिस्तान के इस कदम से दोनों देशों के बीच बातचीत पर अनिश्चितता के बादल छा जाएंगे।
इस मुद्दे पर पूर्व डिप्लोमैट और पाकिस्तान में भारत के हाई कमिश्नर रहे जी पार्थसारथी ने बुधवार को कहा था कि पाकिस्तान सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिए बात करना चाहता है, उसकी नीयत किसी नतीजे पर पहुंचने की नहीं है। पार्थसारथी ने कहा था कि वे बातचीत बंद करने के खिलाफ हैं। उन्होंने अलगावादी नेताओं को जेल में बंद कर मीटिंग में शामिल होने से रोकने का सुझाव दिया था।
भारत ने पाकिस्तान को दुनिया के सामने बेनकाब करने की स्ट्रैटजी तैयार कर ली है। सरकार नहीं चाहती कि बैठक रद्द कर पाकिस्तान को जवाबदेही से बचने का मौका दिया जाए। इसीलिए उसने 23-24 अगस्त को बातचीत रद्द नहीं करने का फैसला किया है। पिछली बार फॉरेन सेक्रेटरी लेवल की बातचीत इसीलिए रद्द हुई थी क्योंकि पाक हाईकमिश्नर ने अलगाववादियों से बात की थी।
विदेश मंत्रालय के एक अफसर ने कहा, ‘असल में उफा में पाकिस्तान को भारत के दबाव में आना पड़ा। उसे उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि ऐसी है कि वे बातचीत के लिए राजी नहीं होंगे। ऐसे में पाकिस्तान दुनिया को बताएगा कि भारत बातचीत को तैयार नहीं है। लेकिन मोदी ने न सिर्फ नवाज शरीफ के साथ बातचीत की, बल्कि एनएसए लेवल की बातचीत के लिए भी रजामंदी दे दी। अपने को फंसता देख पाकिस्तान ने चालें चलनी शुरू की हैं।’
अफसर ने कहा, ‘भारत का रुख रहा है कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकती। भारत ने यह नहीं कहा कि आतंक पर बातचीत नहीं हो सकती। पाकिस्तान बैठक रद्द करना चाहे तो दुनिया को बताए कि वह आतंकवाद को पनाह देना चाहता है और बातचीत के लिए तैयार नहीं है।’
पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज और हाई कमिश्नर अब्दुल बासित अलगावादियों के साथ 23 अगस्त को ही डिनर करना चाहते हैं। बता दें कि पाकिस्तान ने पिछले साल भी ऐसी ही हरकत की थी। अगस्त में ही फॉरेन सेक्रेटरी लेवल की मीटिंग इस्लामाबाद में होनी थी। लेकिन तभी पाकिस्तानी हाई कमिश्नर ने अलगाववादियों को दिल्ली में मिलने बुला लिया। इससे नाराज मोदी सरकार ने बातचीत रद्द कर दी। हालांकि, मार्च 2015 में फॉरेन सेक्रेटरी एस जयशंकर ने पाकिस्तान के फॉरेन सेक्रेटरी एजाज अहमद चौधरी से मुलाकात की। 2012 के बाद यह पहला मौका था, जब दोनों देशों के फॉरेन सेक्रेटरी ने मुलाकात की थी।
एनएसए लेवल की बातचीत से पहले पाकिस्तान ने एक और हरकत की। उसने यूनाइटेड नेशंस सिक्युरिटी काउंसिल में एक ओपन डिबेट के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठा दिया। यूएन में पाकिस्तान की परमानेंट रिप्रेजेंटेटिव मलीहा लोधी ने कहा, “यूएन में फलस्तीन और मिडल ईस्ट की ही तरह जम्मू-कश्मीर का मसला सुलझाने की भी काबिलियत है। इसमें ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (इस्लामिक देशों के समूह) की भी मदद ली जा सकती है।”
एनएसए लेवल की मीटिंग के पहले मंगलवार को पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने आर्मी चीफ जनरल राहिल शरीफ से मुलाकात की। शरीफ ने 23 अगस्त को नई दिल्ली में होने वाली इस बैठक का एजेंडा तय किया। इसमें इंटरनल सिक्युरिटी से जुड़े मुद्दे शामिल थे। इस मीटिंग में आईएसआई के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल रिजवान अख्तर भी शामिल हुए। बता दें कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ राहिल शरीफ भारत के प्रति नफरत का भाव रखते हैं। 1965 की जंग में शरीफ ने चाचा को खोया। 1971 की जंग में भाई को। उन्हीं की फौज के दबाव में पाकिस्तान ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
रूस के उफा में जब मोदी-नवाज के बीच मुलाकात हुई थी, तो उसमें यह तय हुआ था कि दोनों देश टकराव टालने की कोशिश करेंगे। बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के डीजी के बीच मीटिंग होगी। दोनों देशों के मिलिट्री ऑपरेशन्स के डायरेक्टर जनरल भी मुलाकात करेंगे। लेकिन पाकिस्तान ने इस साल सीजफायर तोड़ने का सिलसिला तेज कर दिया। मंगलवार को लगातार 10वां दिन था, जब पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग हुई। हमारे इंडिपेंडेंस-डे के दिन भी पाकिस्तान ने जमकर फायरिंग की। एनएसए लेवल की बातचीत की तारीख करीब आ रही है, इसके बावजूद पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग जारी है।
भारत पाकिस्तान को करीब 60 मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट सौंपेगा। इन आतंकियों के खिलाफ पुख्ता सबूतों के साथ करीब 1400 पेज का डॉजियर तैयार किया गया है।
कंधार कांड के दौरान छोड़ा गया मौलाना मसूद अजहर, हिज्बुल का कमांडर मोहम्मद सलाहुद्दीन, लश्कर ए तैयबा का चीफ हाफिज सईद, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, इंडियन मुजाहिदीन का रियाज भटकल, मुंबई आतंकी हमले का मास्टर माइंड जकी-उर रहमान लखवी, मुंबई सीरियल ब्लास्ट्स का गुनहगार टाइगर मेमन, आईएसआई का मेजर इकबाल, अब्दुर्रहमान पाशा, छोटा शकील, आमिर रजा खान, मेजर शामीर अली।
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