जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । उन्नाव दुष्कर्म मामले में भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार से एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। मुख्य न्यायाधीश ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के परिवार द्वारा उसके समक्ष 12 जुलाई को लिखे गए पत्र को पेश करने में हुई देरी को लेकर जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस कल उन्नाव केस की सुनवाई करेंगे।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने रजिस्ट्रार से पूछा कि वह बताएं कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता द्वारा भेजे गए पत्र (12 जुलाई को) को अदालत के सामने क्यों नहीं रखा गया। आखिर क्यों पत्र को उनके समक्ष रखने में देरी हुई। पत्र में पीड़िता ने मेडिकल रिपोर्ट भी मांगी थी। सीजेआई का कहना है कि ‘इस विनाशकारी माहौल में कुछ रचनात्मक करने की कोशिश की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि देखते हैं हम इसपर क्या कर सकते हैं।
न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, ”दुर्भाग्यवश, पत्र अभी सामने नहीं आया है और इसके बावजूद समाचार पत्रों ने इसे ऐसे प्रकाशित किया है कि जैसे मैंने इसे पढ़ लिया हो। बाल दुष्कर्म मामलों में न्यायमित्र के तौर पर न्यायालय की सहायता कर रहे वरिष्ठ वकील वी गिरि ने उन्नाव बलात्कार मामले को तत्काल सूचीबद्ध किए जाने की अपील की थी, जिसके बाद न्यायालय ने यह टिप्पणी की। कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता के दुर्घटनाग्रस्त होने पर उत्तर प्रदेश प्राधिकारियों से बृहस्पतिवार तक स्थिति रिपोर्ट पेश करने को भी कहा।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उन्नाव रेप केस की पीड़िता ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को भी खत लिखा था। यह खत 12 जुलाई 2019 को उन्नाव रेप पीड़िता की तरफ से लिखा गया है। इसमें यह कहा गया है- “उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कीजिए जो हमें धमका रहे हैं।” पत्र में आगे लिखा गया है- “लोग मेरे घर आते हैं, धमकाते हैं और केस वापस लेने की बात कर ये कहते हैं कि ऐसा नहीं किया तो पूरे परिवार को फर्जी केस में जेल में बंद करवा देंगे।”
बता दें कि उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे के बाद दुष्कर्म पीड़िता का एक पत्र चर्चा में आ गया है। यह पत्र उसने 12 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखा था।
इसमें पीड़िता दुष्कर्म के आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के समर्थकों की ओर से मिल रही धमकी का जिक्र किया गया था। साथ ही परिवार को फर्जी मामलों में फंसाने की धमकी दी गई थी।
पीड़िता ने अपने पत्र में कहा कि न्याय की अंतिम कड़ी पर आप खड़े हैं। इस कांड के बाद से मेरा जीना मुश्किल हो गया है। ऊपर से हमें रोज धमकियां मिल रही हैं। धमकी देने वाले कहते है कि केस वापस लो नहीं तो फर्जी केस में परिवार वालों को जेल भिजवा देंगे। मैं ऐसे धमकियों से तंग आ गई हूं। खत में पीड़िता ने मुख्य न्यायाधीश से मांग की है कि उन्हें जल्द से जल्द न्याय दिया जाए।