जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । चुनावी साल में दिल्ली की जनता को दिल्ली सरकार ने लॉली पॉप दिया है। दिल्ली सरकार ने प्रति महीने 200 यूनिट तक बिजली बिल्कुल फ्री कर दी है। अगर आप महीने में 200 यूनिट बिजली खपत करते हैं तो आपको बिल नहीं भरना होगा। यह फैसला आज ही से लागू कर दिया गया है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर कोई 200 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करता है तो उसे बिजली बिल देने की जरूरत नहीं है। वहीं 201 यूनिट होने पर बिल देना होगा। 201 से 400 यूनिट तक आधी सब्सिडी मिलेगी।
केजरीवाल ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि पहले 200 यूनिट बिजली के लिए लोगों को कल तक 622 रुपये देने पड़ते थे, लेकिन अब वो मुफ्त होगा। 201 से 400 यूनिट बिजली के लिए आपका बिल लगभग 50 प्रतिशत घट जाएगा। 250 यूनिट इस्तेमाल के लिए जहां 800 रुपये देने पड़ते थे अब सिर्फ 252 रुपये देने पड़ेंगे। 300 यूनिट के लिए जहां 971 रुपये देने पड़ते थे वहां अब 526 रुपये देने पड़ेंगे। 400 यूनिट के लिए जहां पहले दिल्लीवासियों को 1320 रुपये देने पड़ते थे वहां अब सिर्फ 1075 रुपये देने होंगे।
201 से 400 के बीच खपत पर कितना चार्ज
सरकार के फैसले के बाद कई लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि अगर 200 से एक यूनिट भी ज्यादा खपत हुई तो क्या होगा। मान लीजिए 300 यूनिट की खपत हो गई तो क्या होगा। इस स्थिति में 200 से बाद यानी 100 यूनिट पर आधा बिल लगेगा या फिर पूरी 300 यूनिट पर आधा होगा। ऐसे में आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने यहां पहले से लागू नीति पर ही अमल किया है। 2015 में यह नियम बना था कि 200 से ऊपर होने पर पूरे बिल का आधा आपको देना होगा। उदाहरण के तौर पर 300 यूनिट होने पर आपको 150 के पैसे देने होंगे।
पहले की सरकारों पर हमला बोलते हुए केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पहले हर साल बिजली बिल बढ़ाए जाते थे। उन्होंने कहा कि अब आप सरकार में पावर कट कम हुए हैं, जबकि पहले जमकर पावर कट लगाए जाते थे, जिसकी वजह से हर साल इन्वर्टर और बैटरी खरीदने पड़ते थे।
पहले घटाए फिक्सड चार्ज
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को ही फिक्सड चार्ज भी घटाए थे। जिन लोगों का सैंक्शन लोड 2 किलोवाट तक है, उन्हें हर महीने पहले 125 रुपये/किलोवाट के हिसाब से फिक्स्ड चार्ज देना पड़ता था, 1 अगस्त से अब उन्हें 20 रुपये/ किलोवाट के हिसाब से फिक्स्ड चार्ज देना होगा। इस तरह से दो किलोवाट लोड पर सभी चार्ज को मिलाकर 244 रुपये तक की बचत होगी। 3 किलोवाट तक लोड होने पर 313 रुपये तक हर महीने बचत होगी।