जनजीवन ब्यूरो श्रीनगर । जम्मू क्शमीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक के जम्मू कश्मीर में कुछ बड़ा होने बात के बाद दिल्ली की राजनीतिक गलियारों में सरगरमी तेज हो गई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ना तो प्रधानमंत्री मोदी ने और ना ही अमित शाह ने उनसे ऐसी कोई चर्चा की है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अनुच्छेद 35ए और धारा 370 को खत्म किया जा सकता है।
इन अफवाहों के बारे में सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘संसद का सत्र अभी चल रहा है, अभी तीन-चार और चलेगा। जो कुछ भी होगा, वह चुपके से नहीं होगा। यह सदन में रखा जाएगा और इसपर चर्चा होगी। अफवाह फैलाने का कोई कारण नहीं है। सोमवार, मंगलवार तक इंतजार कीजिए फिर कुछ कहिए। मैंने दिल्ली में सबसे बात की है और किसी ने मुझे कोई संकेत नहीं दिया है कि कुछ होने वाला है। कुछ लोग कह रहे हैं कि तीन राज्य बना दिए जाएंगे, कुछ लोग कह रहे हैं कि अनुच्छेद 35ए और 370 को खत्म कर दिया जाएगा, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने भी मुझसे ऐसी कोई चर्चा नहीं की है।’
सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा, ‘मैं कल के बारे में नहीं जानता हूं। यह मेरे हाथ में नहीं है लेकिन आज चिंता करने की कोई बात नहीं है।’ उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती विशुद्ध रूप से सुरक्षा कारणों से उठाया गया कदम है। उन्होंने विभिन्न पार्टियों के नेताओं से भी अपील की है कि वे अपने समर्थकों से शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने को कहें।
राजभवन की ओर से यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सुरक्षा स्थिति इस तरह से पैदा हुई है जिस पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता थी। राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को बताया, ‘‘अमरनाथ यात्रा पर आतंकवादी हमलों के संबंध में सुरक्षा एजेंसियों को विश्वसनीय जानकारी मिली थी। नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी बढ़ा दी गई जिसका सेना ने प्रभावी ढंग से जवाब दिया गया।’’
उन्होंने कहा कि सेना के कोर कमांडर और राज्य पुलिस द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन की गई थी जिसमें उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के नापाक मंसूबे को कैसे नाकाम किया गया और साथ ही उन्होंने बरामद किए गए हथियार एवं गोला-बारूद भी दिखाए। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने कहा है कि संवैधानिक प्रावधानों में किसी तरह के बदलाव के बारे में राज्य को कोई जानकारी नहीं है और इसलिए सैनिकों की तैनाती के इस सुरक्षा मामलों को अन्य सभी प्रकार के मामलों के साथ जोड़ कर बेवजह भय नहीं पैदा किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह अपने सभी नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करें। इसलिए, एहतियाती उपाय के तौर पर यत्रियों और पर्यटकों को लौटने के लिए कहा गया है।
राज्यपाल से मिलकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, शाह फैसल, सज्जाद लोन व इमरान रजा अंसारी ने हालिया घटनाक्रम तथा गृह विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी से घाटी में उत्पन्न डर के माहौल की जानकारी दी। राज्यपाल ने नेताओं को बताया कि अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का गंभीर व विश्वसनीय इनपुट था।
15वीं कोर कमांडर व डीजीपी ने शुक्रवार को दोपहर में ही प्रेस कांफ्रेंस कर हथियार व गोला बारूद की बरामदगी की जानकारी दी। इस वजह से सरकार को एडवाइजारी जारी करनी पड़ी। पर्यटकों व अमरनाथ यात्रियों को इलाके की जानकारी न होने की वजह से आतंकी या फिदायीन हमले का वे शिकार हो सकते हैं।
सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह हर नागरिक को सुरक्षा मुहैया कराए। यह उनको किसी प्रकार के आतंकी हमले से बचाने के लिए उठाया गया कदम है। अनावश्यक रूप से इसे अन्य मुद्दों से जोड़कर खौफ का माहौल पैदा किया जा रहा है। उन्होंने राजनीतिक दलों के नेताओं से आग्रह किया कि वे अपने कार्यकर्ताओं को अफवाहों पर ध्यान न देने को कहें। ज्ञात हो कि राज्यपाल ने वीरवार को बारामुला में 35ए को लेकर स्थिति स्पष्ट की थी।
महबूबा देर शाम निकलीं नेताओं से मिलने
गृह विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी करने के बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती इसे लेकर सबसे पहले आगे बढ़ीं। वे घर से पैदल ही नेकां प्रमुख डा. फारूक अब्दुल्ला से मिलने जाने लगीं तो सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया और पैदल जाने के बजाय गाड़ी से जाने की सलाह दी। बाद में वे अब्दुल्ला से मिलने पहुंचीं।
महबूबा ने बताया कि फारूक की तबीयत खराब होने की वजह से वे सर्वदलीय बैठक नहीं बुला सके, लेकिन उन्होंने आश्वस्त किया है कि शनिवार को उमर अब्दुल्ला के लौटते ही सभी दलों की बैठक बुलाई जाएगी ताकि वर्तमान स्थिति पर चर्चा की जा सके। इसके बाद वे सज्जाद गनी लोन के घर गईं।