जनजीवन ब्यूरो / श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को राज्यसभा द्वारा राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के विधेयक को पारित करने के कुछ क्षण बाद प्रिवेंटिव डिटेंशन में लिया गया। इसके साथ ही जम्मू- कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को भी प्रिवेंटिव डिटेंशन में लिया गया है। पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती को हरि निवास में ले जाया गया है। बता दें कि हरि निवास एक वीवीआईपी राज्य अतिथि गृह है।
हालांकि, पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती और जम्मू- कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को किस लिए प्रिवेंटिव डिटेंशन में लिया गया इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। इससे पहले महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को रविवार को घर में नजरबंद कर दिया गया था। वहीं जम्मू- कश्मीर में धारा 144 लागू है।
बता दें कि घाटी में धारा 144 लागू है। महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला की ओर से इस मसले पर लगातार बयानबाजी की जा रही थी। सूत्रों की मानें तो प्रशासन ने हिंसा न भड़के, इसलिए सुरक्षा कारणों से हिरासत में लिया गया है।
इससे पहले रविवार रात को महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को उनके आवास पर नजरबंद कर दिया गया था। आपको बता दें कि घाटी में अभी भी कई नेता नजरबंद हैं, जिनमें सज्जाद लोन समेत कई अलागवादी नेता और राजनीतिक पार्टियों के नेता शामिल हैं।
घाटी में पूरी तरह से मोबाइल, लैंडलाइन, ब्रॉडबैंड समेत सभी इंटरनेट सेवा शनिवार रात से ही बंद कर रखी हैं। वहीं घाटी में सभी अधिकारियों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं, ताकि आपस में बातचीत होती रहे।
बता दें कि सोमवार को केंद्र सरकार ने जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश किया था। इसके साथ ही अब जम्मू- कश्मीर से विशेष राज्य दर्जा भी छिन जाएगा। इस फैसले के बाद महबूबा मुफ्ती ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा था। महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा था,’आज जम्मू-कश्मीर के लोग जिन्होंने संसद और सर्वोच्च न्यायालय जैसे भारत के संस्थानों में अपनी आस्था को दोहराया है वे पराजित और विश्वासघात महसूस कर रहे हैं। राज्य को धोखा देकर और धोखे से जो सही और कानूनी रूप से हमारा है उसे छीनकर, उन्होंने कश्मीर विवाद को और जटिल कर दिया है।’