जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर पर लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी अपने बयान से चौतरफा निशाने पर आ गए हैं। अधीर कश्मीर को भारत के आंतरिक मामला होने के दावे पर लोकसभा में सवाल उठा रहे थे तब यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी हैरानी से उन्हें देख रही थीं। कांग्रेस नेता के बयान से सोनिया साफ नाराज नजर आ रही थीं। बाद में अधीर ने सफाई देते हुए कहा कि वह सरकार से स्पष्टीकरण मांग रहे थे और उनके बयान को गलत समझा गया।
बाद में बयान पर बवाल मचने के बाद चौधरी ने सफाई भी दी। उन्होंने कहा वह कई मुद्दों पर सरकार से स्पष्टीकरण मांग रहे थे लेकिन उन्हें गलत समझा गया। उन्होंने कहा, ‘इसी संसद में 1994 में लोकसभा और राज्यसभा ने आम सहमति से यह प्रस्ताव पारित किया था कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को भी भारत में शामिल किया जाएगा। तो अब पीओके का क्या स्टेटस है?’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं यही सरकार से पूछ रहा था, इसमें गलत क्या है?’ अधीर ने कहा, ‘कश्मीर पर दुनिया की निगाहें रही हैं। अगर कश्मीर मुद्दा इतना ही आसान होता तो सरकार ने कल (सोमवार) को कई देशों के दूतों को जानकारी दी। मैं तो सरकार से सीधे स्पष्टीकरण मांग रहा था।’
सोनिया दिखीं नाराज
जब अधीर रंजन लोकसभा में कश्मीर पर सवाल उठा रहे थे तो अधीर के बगल में बैठीं सोनिया उनके बयान काफी असहज महसूस कर रही थीं। सोनिया उन्हें चुपचाप देख रही थीं। बाद में जब सदन में चौधरी के बयान से बवाल होने लगा तब सोनिया पीछे घूमकर कुछ हैरानी प्रकट करती नजर आईं। हालांकि इस दौरान राहुल गांधी चुपचाप चौधरी को सुन रहे थे।
अधीर ने यह कहा था
अधीर ने कहा, ‘हमारे एक प्रधानमंत्री ने शिमला समझौता किया, दूसरे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लाहौर समझौता किया और अभी हाल में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो से कहा कि यह द्विपक्षीय मामला है।’ उन्होंने पूछा, ‘यह (जम्मू-कश्मीर) अचानक आंतरिक मामला कैसे हो गया?’ उन्होंने अपनी बात दोहराई और कहा कि जब शिमला समझौता, लाहौर समझौता हुआ और माइक पॉम्पियो से हमारे विदेश मंत्री ने कहा कि यह द्विपक्षीय मुद्दा है तो यह अचानक आंतरिक मसला कैसे हो गया?