जनजीवन ब्यूरो
वाशिंगटन । भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा तथा उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच हॉटलाइन या संचार की सुरक्षित लाइनें हाल ही में चालू हो गईं। हालांकि अभी तक इसका उपयोग नहीं किया गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति के विशेष सलाहकार और व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में दक्षिण एशियाई मामलों के वरिष्ठ निदेशक पीटर आर लैवॉय ने ‘भाषा’ से कहा, “यह (हॉटलाइन) हाल में स्थापित की गई।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों नेताओं ने सुरक्षित संचार के इस नवीन माध्यम का अभी तक उपयोग किया है या नहीं, उन्होंने कहा, “इसका अभी तक इस्तेमाल नहीं किया गया है।’’
ओबामा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लेने के लिए जब नयी दिल्ली गए थे, उस समय ओबामा- मोदी हॉटलाइन के संबंध में निर्णय लिया गया था। लैवॉय ने कहा, “हॉटलाइन का संबंध संकट प्रबंधन फोन या प्रणाली से है जिसका इस्तेमाल संकट समाप्त करने के लिए शीत युद्ध के दौरान किया गया था।’’ व्हाइट हाउस के शीर्ष अधिकारी ने कहा, “यह दो बेहद करीबी साझेदारों के बीच एक सुरक्षित लाइन होती है ताकि वे राष्ट्र प्रमुख स्तर पर अपने विचार व्यक्त कर सकें और वास्तविक समस्याओं को सुलझाने में सहयोग कर सकें।’’ इसके साथ ही भारत रूस, ब्रिटेन और चीन के बाद चौथा ऐसा देश बन गया है जिसके साथ अमेरिका ने हॉटलाइन स्थापित की है।
भारत में राष्ट्र प्रमुख के स्तर की यह पहली हॉटलाइन है। भारत और पाकिस्तान ने वर्ष 2004 में विदेश सचिवों के स्तर पर हॉटलाइनें स्थापित करने पर सहमति जताई थी और वर्ष 2010 में नयी दिल्ली और पेईचिंग ने विदेश मंत्री स्तर पर एक हॉटलाइन स्थापित की थी। सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच हॉटलाइन की स्थापना अमेरिकी सेना की मदद से की गई थी। भारत-चीन हॉटलाइन अभी चालू नहीं हुई है। विश्व के दो बड़े लोकतांत्रिक देशों के बीच हॉटलाइन या संचार की सुरक्षित लाइन की स्थापना ओबामा और मोदी के प्रयासों का हिस्सा है। इसकी स्थापना अहम द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर संचार और वार्ता को बढाने के लिए की गई है।
नयी दिल्ली में ओबामा के साथ बैठक के बाद मोदी ने 25 जनवरी को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि दोनों नेताओ ने इस साझेदारी को विश्वास की बुनियाद देने और इस पर लगातार ध्यान देने का निर्णय लिया है। मोदी ने 25 जनवरी को हैदराबाद भवन में कहा था, “इसके लिए हमने इस बात पर सहमति जताई थी कि भारत और अमेरिका को अधिक संख्या में नियमित रूप से शिखर वार्ताएँ करनी चाहिए। हमने मेरे और बराक तथा हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच हॉटलाइन स्थापित की हैं।’’ नयी दिल्ली में हुई बैठक में दोनों देशों के नेताओं ने बार बार बैठकें करने का निर्णय लिया था। दोनों के इस वर्ष सितंबर के अंत में न्यूयार्क में मिलने की संभावना है। इस दौरान मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र में भाग लेने के लिए अमेरिका आएंगे।