नई दिल्ली । लगातार देsश की बिगड़ती आर्थिक अर्थव्यवस्था के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे इनकार किया। निर्मला ने नरेंद्र मोदी सरकार के आर्थिक विशेषज्ञों द्वारा सरकार की आर्थिक नीति की आलोचना पर चुप्पी साध ली। साथ ही साल 2016 से 2019 के बीच एक फीसदी से ज्यादा आयी गिरावट के सवाल पर सिर्फ थैंक्स कहकर पत्रकारों से पीछा छुड़ा लिया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि देश में मंदी का असर नहीं पड़ेगा। लेकिन जब janjivan.com ने साल 2016 से साल 2019 के बीच एक फीसदी से ज्यादा आर्थिक विकास दर गिरने पर सवाल किया तो उन्होंने इसे हंसते हुए टाल दिया। निर्मला सीतारमण ने 36 स्लाइड के प्रेजेंटेशन से देश की आर्थिक स्थिति की तुलना विश्व से करके देश के हालात को अच्छी बता रही थीं। उनके प्रेजेंटेशन के अनुसार साल 2014 से साल 2016 तक आर्थिक विकास दर 8 फीसदी तक पहुंच गई थी। लेकिन फिलहाल देश की आर्थिक विकास दर 7 फीसदी से भी कम हो गई है। जब उनसे इस गरावट के कारण पर सवाल किया गया तो उन्होंने हंसकर टाल दिया।
जब janjivan.com ने मोदी सरकार में रह चुके आर्थिक विशेषज्ञों द्वारा सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करने के सवाल पर वित्त मंत्री ने सिर्फ थैंक्स कहा।
बता दें कि रिजर्व बैंक और नीति आयोग के आर्थिक विशेषज्ञों ने त्यागपत्र देने के बाद मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना लगातार कर रहे हैं।
- वैश्विक जीडीपी वृद्धि दर संशोधित होकर मौजूदा अनुमान 3.2 प्रतिशत से नीचे जा सकती है। वैश्विक मांग कमजोर रहेगी।
- अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध तथा मुद्रा अवमूल्यन के चलते वैश्विक व्यापार में काफी उतार-चढ़ाव वाली स्थिति पैदा हुई है।
- भारत की आर्थिक वृद्धि दर कई देशों की तुलना में ऊंची है।संपत्ति का सृजन करने वालों का सम्मान वित्त वर्ष 2019-20 के बजट की मूल भावना है। इसके बाद विभिन्न क्षेत्रों की जरूरतों को समझने के लिये उनसे परामर्श किया गया ।
- आर्थिक सुधार सरकार के एजेंडा में सबसे ऊपर है, सुधारों की प्रक्रिया जारी है, इसकी रफ्तार थमी नहीं है ।
- कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) नियमों के उल्लंघन को दिवानी मामले की तरह देखा जाएगा, इसे आपराधिक मामलों की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा।
- वित्तमंत्री ने करदाताओं का उत्पीड़न समाप्त करने से जुड़े कर सुधारों के बारे में कहा, अब सभी कर नोटिस केंद्रीयकृत प्रणाली से जारी होंगे।
- वित्त मंत्री ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) पर बढ़ाए गए अधिभार को वापस लेने और बजट पूर्व की स्थिति बहाल करने की घोषणा की।
- सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरुआती दौर में ही 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी ताकि बैंक बाजार में पांच लाख करोड़ रुपये तक की नकदी जारी करने में सक्षम हो सकें।
- छोटे एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के अब तक के सभी लंबित जीएसटी रिफंड का भुगतान 30 दिन के भीतर कर दिया जाएगा, भविष्य के रिफंड मामलों को 60 दिन के भीतर निपटा दिया जाएगा।
- सरकार ने सरकारी विभागों द्वारा वाहनों की खरीद पर लगी रोक को हटा दिया है। साथ ही आज से लेकर मार्च, 2020 तक खरीदे गए वाहनों पर 15 प्रतिशत के अतिरिक्त मूल्यह्रास की अनुमति दी गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि हम प्री-फिल्ड आईटी रिटर्न की तरफ बढ़ रहे हैं। हमारी अर्थव्यवस्था का मोमेंटम खत्म नहीं हुआ है। हमारे लिए ग्रोथ का एजेंडा सबसे ऊपर है। इसके साथ ही ईएसआईसी (ESIC) में भी राहत का एलान किया है। अधिग्रहण-विलय के लिए आसानी से अनुमति मिल रही है। इसके साथ ही डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स में भी संशोधन किया गया है।