बिआरित्ज । कश्मीर पर अमेरिका से मध्यस्थता की उम्मीद लगाए बैठे पाकिस्तान को आज फिर करारा झटका लगा है। सोमवार को फ्रांस में G-7 समिट से इतर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मिले तो उन्होंने मीडिया के सामने दो टूक कहा कि भारत और पाकिस्तान के सारे मुद्दे द्विपक्षीय हैं और इसलिए हम दुनिया के किसी भी देश को इसके लिए कष्ट नहीं देते हैं। PM ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि भारत और पाकिस्तान, जो 1947 से पहले एक ही थे, हम मिलजुलकर अपनी समस्याओं पर चर्चा और समाधान भी कर सकते हैं।’ आपको बता दें कि पाकिस्तान के कश्मीर का मुद्दा उठाने पर ट्रंप कई बार मध्यस्थता की बात कर चुके हैं। हालांकि सोमवार को जब पीएम मोदी ने साफ कह दिया तो ट्रंप ने भी यू-टर्न ले लिया।
ट्रंप ने भी मोदी की बात का समर्थन करते हुए कहा कि पीएम मोदी पर उन्हें पूरा भरोसा है। इससे पहले मोदी ने कहा, ‘भारत और अमेरिका दोनों लोकतांत्रिक मूल्यों को लेकर चलने वाले देश हैं और किस तरह साथ मिलकर चल सकते हैं और क्या योगदान दे सकते हैं ऐसे कई विषयों पर गहराई से बात होती रहती है।’
दरअसल, मीडिया की ओर से जब कश्मीर को लेकर सवाल किया गया तो पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच कई द्विपक्षीय मुद्दे हैं। पाक में चुनाव जीतने के बाद वहां के नए प्रधानमंत्री को मैंने फोन कर कहा था कि पाक और भारत दोनों देशों को बीमारी, गरीबी, अशिक्षा आदि के खिलाफ लड़ना है। दोनों देश मिलकर इसके खिलाफ लड़ सकते हैं। दोनों देश जनता की भलाई के लिए काम करें।’ मोदी ने आगे कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप से भी हमारी इस संबंध में बात होती रहती है।
पीएम मोदी ने कहा ट्रंप से कहा कि जब पाकिस्तान में नई सरकार चुनकर आई तो मैंने वहां के प्रधानमंत्री को फोन करके बधाई दी थी और कहा था कि दोनों देशों की समस्याएं एक जैसी हैं। दोनों देशों के बीच सभी मुद्दे द्विपक्षीय हैं। हमें मिलजुलकर ही इन्हें हल करना होगा।
पीएम मोदी ने ट्रंप से दो टूक कहा की भारत-पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दे द्विपक्षीय हैं। दोनों देश मिलकर मुद्दों को सुलझा लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दे द्विपक्षीय हैं, इसलिए हम इस बारे में किसी अन्य देश को कष्ट नहीं देना चाहते हैं। हमें तीसरे देश का दखल मंजूर नहीं है।
इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, हमने पिछली रात कश्मीर के मुद्दे पर बात की। प्रधानमंत्री ने बताया कि सबकुछ नियंत्रण में है। उन्होंने पाकिस्तान से बात की है और मुझे यकीन है कि वह पूरी तरह योग्य हैं और कुछ अच्छा ही होगा।
उन्होंने कहा, मेरे दोनों (मोदी और खान) से अच्छे रिश्ते हैं और मैं यहां हूं। मुझे लगता है कि वे खुद से (मुद्दे का समाधान) कर सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा kf हम व्यापार के बारे में बात कर रहे हैं, हम सैन्य और कई दूसरी चीजों पर बात कर रहे हैं। हमारे बीच कुछ शानदार चर्चा हुई, हम रात्रिभोज के लिये बीती रात साथ में थे और मैंने भारत के बारे में काफी जाना।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान 1947 से पहले एक साथ थे और मुझे विश्वास है कि हम अपनी समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं और उन्हें मिलकर हल कर सकते हैं।
भारत साफ कर चुका है अपना रुख
इससे पहले अमेरिका कई बार जम्मू और कश्मीर राज्य के लिए अनुच्छेद 370 पर भारत का निर्णय को आंतरिक मामला बता चुका है, लेकिन उसके अनुसार इसके क्षेत्रीय निहितार्थ भी हैं। एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी क्षेत्रीय तनाव को कम करने और कश्मीर में मानवाधिकारों के लिए सम्मान बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
माना जा रहा है कि इस तीन दिन के जी7 समिट में अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध, ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने के मुद्दे, तेहरान के परमाणु प्रोग्राम के चलते अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ रहे तनाव और ब्राजील में अमेजन वर्षावन को नष्ट करने वाली आग पर बातचीत हो सकती है।
बता दें कि पीएम मोदी ने सुरेश प्रभु को शेरपा (ऐसा राजदूत जो सम्मेलन से पहले की तैयारियों को दुरुस्त करता है) नियुक्त किया है। उनकी बैठक ऐसे समय हुई है जब पांच अगस्त को भारत ने जम्मू कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा वापस ले उसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित कर दिया था। ट्रंप ने हाल में कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी।