जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने मंदी से निपटने के लिए शुक्रवार को बड़ा एलान करते हुए देश के 18 बैंकों में से छह सरकारी बैंकों को विलय कर दिया। इन 18 सरकारी बैंकों में से 14 बैंक मुनाफे में है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 बैंकों का विलय कर चार बड़े सरकारी बैंक बनाने का एलान किया है। 2017 में देश में 27 सरकारी बैंक थे जिनकी संख्या इस विलय के बाद घटकर सिर्फ 12 रह जाएगी। इस मेंगा कंसॉलिडेशन का असर हर उस शख्स पर पड़ सकता है, जिसका इन बैंकों में सेविंग अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट है।
इन बैंकों का हुआ विलय
पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का विलय होगा। ये दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा, जो पीएनबी से 1.5 गुना बड़ा होगा। वहीं केनरा बैंक का विलय सिंडिकेट बैंक में होगा, जो देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक होगा। जबकि इंडियन बैंक का विलय इलाहाबाद में बैंक में किया गया है। इसके अलावा यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का विलय होगा, जो देश का पांचवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा।
शुक्रवार को विलय का एलान करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक के विलय का उदाहरण देते हुए कहा कि इस मर्जर से कई अच्छी चीजें हुई हैं और इसके बाद किसी भी कर्मचारी को नहीं निकाला गया।
आप पर पड़ेगा यह असर
सबसे पहले आप अपना चेकबुक बदलने के लिए तैयार हो जाइए, क्योंकि कई बैंकों के विलय होने जा रहे हैं। मौजूदा चेकबुक हालांकि कुछ समय के लिए मान्य होते हैं, लेकिन अंततः उन्हें उस बैंक के चेक बुक से बदलना पड़ता है, जिस बैंक में विलय हुआ है।
इस विलय के बाद ग्राहकों को नई खाता संख्या और कस्टमर आईडी भी मिल सकता है। साथ ही जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड जारी होंगे, उन्हें इनकी जानकारी आयकर विभाग, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) और दूसरी सरकारी योजनाओं में अपडेट करानी होंगी। जिन ग्राहकों की SIP या लोन ईएमआई चल रही है, उन्हें नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है।
लोन की ब्याज दरों में नहीं होगा बदलाव
इसके अलावा नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड भी जारी हो सकता है। फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा। जिन ब्याज दरों पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, वह स्थिर रहेगी और कोई बदलाव नहीं होगा। विलय के बाद कुछ शाखाएं बंद होंगी, जिसके लिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ेगा।