जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया केस में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई की। उन्होंने याचिका में सीबीआई की विशेष अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें सीबीआई हिरासत में भेजा गया था। बेंच ने पूर्व वित्त मंत्री से कहा कि वह अंतरिम राहत के लिए संबंधित अदालत में जाएं। हालांकि, बाद में शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में संशोधन किया। सीबीआई से कहा कि वह विशेष अदालत से चिदंबरम की रिमांड एक दिन के लिए बढ़वा लें। सीबीआई ने चिदंबरम को विशेष अदालत में पेश किया। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा।
इससे पहले वकील ने जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच से कहा कि उनकी (चिदंबरम) उम्र 74 साल है, उन्हें नजरबंद किया जाए। इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि उन्हें तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाएगा। 20 अगस्त को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद अगले दिन चिदंबरम की गिरफ्तारी हुई थी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज दिल्ली की एक अदालत में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर एयरसेल मैक्सिस मामले में जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाया। दोनों एजेंसियों ने इस मामले में चिदंबरम और कार्ति द्वारा दायर अग्रिम जमानत की अर्जियों का भी विरोध किया।
दोनों एजेंसियों ने अदालत में कहा कि कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए अपनी क्षमता से आगे की एयरसेल-मैक्सिस सौदे को अनुमति दी, इससे कुछ लोगों को फायदा पहुंचा और रिश्वत मिली। सीबीआई और ईडी ने एयरसेल मैक्सिस मामले में चिदंबरम और कार्ति से हिरासत में पूछताछ की अनुमति मांगी है।
रोज एवेन्यू अदालत में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा कि वह बंद लिफाफे में कुछ दस्तावेज पेश करना चाहते हैं जिनमें ईडी के इस मामले से संबंधित कुछ और सबूत हैं। कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका विरोध किया।
चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को गिरफ्तारी से सुरक्षा देने का विरोध करते हुए दोनों एजेंसियों ने कहा कि ऐसा होने पर दोनों सबूतों को मिटा सकते हैं और जांच में बाधा डालने की कोशिश कर सकते हैं। एयरसेल-मैक्सिस घोटाले के मामले को सुलझाने के लिए सीबीआई और ईडी ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मांग की।
दोनों जांच एजेंसियों ने विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी को बताया कि 73 वर्षीय चिदंबरम और कार्ति ने गंभीर आर्थिक अपराध किए हैं और जनता और राष्ट्र हितों के विरोध में एक बड़ी साजिश थी। सीबीआई ने कहा कि एयरसेल मैक्सिस मामले की जांच चूंकि अभी चल रही है इसलिए चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है।
ईडी ने कहा कि चिदंबरम मनी लॉन्ड्रिंग, शेल कंपनियों के निर्माण और अन्य अपराधों में आरोपी हैं। हमारे पास ऐसे कारण हैं जो बताते हैं कि चिदंबरम और कार्ति मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त रहे हैं और यह उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त है।