जनजीवन ब्यूरो / इस्लामाबाद : भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया ने सोमवार को इस्लामाबाद में कुलभूषण जाधव से मुलाकात की। 3 साल से ज्यादा वक्त से पाक जेल में बंद यह कुलभूषण की पहली काउंसलर एक्सेस थी। पाक ने रविवार को दूसरी बार कुलभूषण को काउंसलर एक्सेस देने का प्रस्ताव दिया था, जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया। जाधव से मुलाकात के बाद के बाद अहलूवालिया ने पाक में भारत के उप उच्चायुक्त से भी मुलाकात की। पाकिस्तान के जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, कुलभूषण से भारतीय राजनयिक की मुलाकात सोमवार 3 बजे हुई, जो करीब एक घंटे तक चली।
पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने रविवार को कहा था कि जाधव को वियना कन्वेंशन के तहत काउंसलर एक्सेस मिलेगा। उन्होंने कहा यह एक्सेस आईसीजे के फैसले और पाकिस्तान के कानून के तहत दिया जाएगा। इससे पहले, पाकिस्तान सरकार ने आईसीजे के फैसले के 11 दिन बाद कुलभूषण को सशर्त एक्सेस देने का निर्णय लिया था। तब भारत ने कहा था कि इंटरनेशनल कोर्ट के आदेशानुसार हम जाधव के लिए अबाधित और जल्द एक्सेस चाहते हैं।
आईसीजे ने लगाई थी जाधव की फांसी पर रोक
आईसीजे ने इसी साल 21 जुलाई को भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कुलभूषण की फांसी पर रोक लगा दी थी। साथ ही पाक को उन्हें काउंसलर एक्सेस देने के निर्देश दिए थे। आईसीजे के 16 जजों ने 15-1 के बहुमत से कुलभूषण की फांसी की सजा निलंबित कर दी थी। इसके बाद पाक ने कहा था कि आईसीजे के फैसले के तहत कमांडर जाधव को एक्सेस से जुड़े उनके अधिकार बता दिए हैं। हम जिम्मेदार देश के तौर पर काउंसलर एक्सेस देंगे।
जाधव के खिलाफ पाक सेना के ट्रायल को भारत ने चुनौती दी
29 मार्च 2016 को कुलभूषण को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। कुलभूषण को पाक की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप पर मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने मई 2017 में आईसीजे के सामने यह मामला उठाया था। पाकिस्तान पर जाधव को काउंसलर न मुहैया करवाने का आरोप लगाया। भारत ने जाधव के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के ट्रायल को भी चुनौती दी। आईसीजे ने 18 मई 2017 को जाधव के केस में फैसला आने तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए थे।
25 दिसंबर 2017 को जाधव की मां और पत्नी ने इस्लामाबाद में उनसे मुलाकात की थी। इस दौरान जाधव और उनके परिवार के बीच एक कांच की दीवार थी और किसी भी भारतीय अफसर को मिलने या उनकी बात सुनने की इजाजत नहीं दी गई थी।
सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी की राजनयिक से मुलाकात की शर्तों पर भारत और पाकिस्तान में मतभेद के कारण करीब छह हफ्ते बाद पाकिस्तान ने रविवार को यह एलान किया। पाकिस्तान विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने रविवार को ट्वीट कर कहा, जाधव को विएना समझौते, आईसीजे के आदेश और पाकिस्तान के कानून के तहत राजनयिक पहुंच दी जाएगी। फैसल ने हालांकि यह नहीं बताया था कि बातचीत के दौरान पाकिस्तानी अधिकारी रहेगा या नहीं।
राजनयिक पहुंच देने से इनकार करता रहा है पाक
पाकिस्तान जाधव को राजनयिक पहुंच देने से हमेशा इनकार करता रहा है। भारत हर बार विएना संधि का हवाला देकर अपने नागरिक से मुलाकात की अपील करता रहा लेकिन पाक उसे ठुकराता रहा। अंतरराष्ट्रीय दबाव में उसने जाधव की उनकी मां और पत्नी से मुलाकात कराई थी लेकिन इसका भी उसने तमाशा बना दिया था जिसकी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर काफी आलोचना हुई थी।
क्या होती है राजनयिक पहुंच (कॉन्सुलेर एक्सेस)?
अगर किसी देश के नागरिक को दूसरे देश में गिरफ्तार किया जाता है, तो गिरफ्तार करने वाले देश को बिना देरी किए वीसीसीआर के अधिकारों के तहत उसके मूल देश को जानकारी देनी होगी। इसमें गिरफ्तार शख्स को उसके राजनयिक से मिलवाना भी शामिल है।