जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वन नेशन, वन कार्ड का प्रस्ताव किया है। सोमवार को दिल्ली में जनगणना भवन की आधारशिला रखते हुए शाह ने सभी नागरिकों के लिए एक देश एक पहचान पत्र का विचार रखा। इसमें आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और बैंक खाते जैसी सभी सुविधाएं एक ही पहचान पत्र से जुड़ी होंगी। शाह ने यह भी कहा कि जनगणना 2021 के आंकड़े मोबाइल ऐप्प के जरिये जुटाये जायेंगे.उन्होंने कहा कि जनगणना की पूरी बिल्डिंग ग्रीन बिल्डिंग होगी। भारत में ग्रीन बिल्डिंग के कॉन्सेप्ट को अपनाने की जरुरत है।
अमित शाह ने कहा कि सन 1865 में सबसे पहले जनगणना की गई तब से लेकर आज 16वीं जनगणना होने जा रही है। कई बदलाव और नई पद्धति के बाद आज जनगणना डिजिटल होने जा रही है। 2021 में जो जनगणना होगी इसमें हम मोबाइल एप का भी प्रयोग करेंगे।
शाह ने कहा कि वर्ष 2021 की जनगणना के लिए केंद्र सरकार की 12,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। गृह मंत्री ने कहा कि जनगणना के साथ-साथ राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) भी तैयार हो जायेगा। उन्होंने कहा कि सितंबर, 2020 तक सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) तैयार कर लेना चाहती है। एक बार एनपीआर तैयार हो जायेगा, तो फिर नागरिक पंजी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप) भी तैयार हो जायेगा। राष्ट्रीय नागरिक पंजी तैयार करने में असम में जिस समस्या का समाधान करना पड़ा, उससे बचा जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि जनगणना का डिजिटल डेटा होने से अनेक प्रकार के विश्लेषण के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। देश के सामाजिक प्रवाह, देश के अंतिम व्यक्ति के विकास और देश के भविष्य के काम के आयोजन के लिए जनगणना आधार है।
गृहमंत्री ने कहा कि साल 2014 में नरेन्द्र मोदी के देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारे सोचने की क्षमता में बदलाव होने लगा। देश को समस्याओं से मुक्त किया जाए, ऐसी प्लानिंग की शुरुआत 2014 के बाद हुई। इससे जनगणना रजिस्टर के सही उपयोग की शुरुआत हुई।