जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में नल के माध्यम से आपूर्ति किया जाना वाला पानी पीने योग्य नहीं है।पासवान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नल का पानी कभी लाल, कभी पीला और कभी काला नजर आता है । पाइप के माध्यम से आपूर्ति किये जाने वाले पेयजल का भारतीय मानक ब्यूरो ने मानक तैयार किया है लेकिन इसके पालन करने की जिम्मेदारी दिल्ली जल बोर्ड पर है और यह स्वैच्छिक भी है।
बता दें कि सरकार के अंतरगत दिल्ला जल बोर्ड राजधानी दिल्ली में नल का पानी सप्लाई करता है।
पासवान ने गुणवत्ता मानकों के मुद्दे पर बीआईएस और अन्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद कहा, ‘मैं 1977 से यहां हूं। नल के पानी की गुणवत्ता खराब हो गई है। किसी से भी पूछो, वे बताएंगे कि दिल्ली में नल का पानी कैसा है। यह पीने योग्य नहीं है।’ पासवान ने कहा कि यूरोप और अन्य विकसित देशों में, यह स्पष्ट रूप से बताया गया कि नल का पानी पोर्टेबल है या नहीं, लेकिन भारत में, ऐसा कोई प्रमाणन नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि क्या अन्य राज्य नल के जल मानकों का अनुपालन कर रहे हैं। तो बीआईएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘मानक प्रकृति में स्वैच्छिक हैं। इसलिए किसी भी राज्य ने आगे आकर प्रमाण पत्र नहीं लिया है। हम नहीं जानते कि कुछ राज्य इसे लागू कर रहे हैं या नहीं। लेकिन, क्या पता कुछ उनमें से यह कर रहे हो।
बता दें कि मामले पर विस्तार से चर्चा करने के लिए अगले सप्ताह एक बैठक बुलाई गई है। पासवान द्वारा बताया गया कि इस बैठक में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय, दिल्ली सरकार, जल बोर्ड और बीआईएस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।