जनजीवन ब्यूरो / मुंबई । महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही धीरे धीरे राजनीतिक गरमाहट आने लगी है। कॉपरेटिव बैंक घोटाले में नाम आने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार खुद ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर जाने की घोषणा की थी, लेकिन अंतिम समय में वह ईडी दफ्तर नहीं गए। राकांपा प्रमुख ने कहा कि मैं ईडी को बताना चाहता था कि कंपनी में कोई पद नहीं लिया था और न ही डायरेक्टर था। इसके बावजूद मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। उन्होंने कहा कि इस घोटाले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। इससे पहले सुरक्षा को देखते हुए ईडी ने पवार को ईमेल करके आज दफ्तर नहीं आने के लिए कहा था। ईडी ने यह भी कहा कि पवार को कब आना है, उन्हें इसकी सूचना दी जाएगी।
पवार की पेशी से पहले मुंबई के 7 थानाक्षेत्रों में धारा 144 लगा दी गई है। इससे पहले गुरुवार को पवार ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे ईडी के दफ्तर के सामने न जुटें। एमएससी बैंक मामले में ईडी ने पवार का नाम भी शामिल किया है।
पवार को मिला शिवसेना का साथ
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, ‘‘पवार राजनीति के भीष्म पितामह हैं। उनके साथ गलत किया गया। महाराष्ट्र में पहले कभी भी बदले की राजनीति नहीं हुई। शरद पवार ने महाराष्ट्र और कृषि क्षेत्र में बहुत काम किया है। पवार से हमारी विचारधारा अलग है, लेकिन मैं ये कहूंगा कि ईडी ने उनके साथ ठीक नहीं किया। इस घोटाले को लेकर विधानसभा में चर्चा हुई थी, तब उनका नाम नहीं था। ईडी आज भगवान से भी बड़ा हो गया है? भगवान माफ कर सकता है, लेकिन ईडी नहीं।’’
‘ये मौकापरस्त राजनीति’
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘सरकार की बदले की राजनीति का ताजा उदाहरण शरद पवार जी है। राज्य में चुनाव से ऐन पहले इस तरह की कार्रवाई मौकापरस्त राजनीति की तरफ इशारा करती है।’’
राकांपा के कार्यकर्ताओं का विरोध
कोल्हापुर, बारामती और हिंगोली में राकांपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन और चक्काजाम किया। बारामती में अधिकांश मार्केट बंद रहे। कुछ राकांपा कार्यकर्ता विरोध जताने ईडी दफ्तर के पास भी पहुंचे।
ट्वीट कर कार्यकर्ताओं को दिया संदेश
गुरुवार को पवार ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए और उसमें पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि हम संविधान का आदर करने वाले लोग हैं, इसलिए पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ जांच में सहयोग करेंगे। इसलिए किसी भी तरह का ऐसा कोई काम न करें, जिससे लोगों को दिक्कत हो।
अगले ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने सभी एनसीपी कैडर और समर्थकों से ईडी कार्यालय परिसर के पास इकट्ठा न होने की अपील करता हूं। संविधान और संस्थाओं के सम्मान के लिए हमारी परंपरा को ध्यान में रखते हुए मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों को सहयोग के लिए अनुरोध करता हूं।’’
अन्ना बोले- मेरे सबूतों में नहीं था पवार का नाम
बैंक घोटाले में नाम आने के बाद पवार के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजार ने उन्हें क्लीन चिट दी है। अन्ना ने गुरुवार को कहा कि मैंने जो सबूत दिए हैं उसमें पवार का नाम नहीं है। अन्ना ने ये भी कहा कि ईडी ने किस आधार पर उनका नाम लिया है, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। हालांकि मामले की जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी है उन पर कार्रवाई हो।
क्या है मामला?
घोटाले के संबंध में की गई शिकायत में राकांपा नेता और शरद पवार के भतीजे अजित के अलावा पार्टी नेता हसन मुश्रीफ और कांग्रेस नेता मधुकर चव्हाण के अलावा बैंक के अलग-अलग जिलों की शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के भी नाम हैं। शिकायत में दावा किया गया है कि 2007 से 2011 के बीच बैंक को करीब एक हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। मामले को लेकर नाबार्ड और महाराष्ट्र सहकारिता विभाग की ओर से दायर की गई रिपोर्ट में बैंक को हुए नुकसान के लिए अजित पवार और बैंक के दूसरे निदेशकों को जिम्मेदार ठहराया गया है।