जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । कांफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को एक पत्र भेजकर कलर्स टीवी चैनल पर प्रसारित हो रहे रियल्टी शो बिग बॉस पर रोक लगाने की मांग की है। कैट ने पत्र में कहा है की इस सीरियल में बेहद अश्लीलता और फूहड़ता का खुले आम घिनौना प्रदर्शन किया जा रहा है।
शो में ‘बेड फ्रेंड फोरएवर’ (बीएफएफ) को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस टीवी शो को घर में परिवार के साथ देखा नहीं जा सकता है, जिससे देश के पारंपरिक सामजिक और सांस्कृतिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। टीआरपी और मुनाफे की लालसा मे बिग बॉस टीवी चैनल के जरिये देश में सामाजिक समरसता को धूमिल कर रहा है जिसे भारत जैसे देश की विविध संस्कृति वाले देश में कतई अनुमति नहीं दी जा सकती है।
कैट ने कहा है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल भारत में, बल्कि उच्चतम विश्व मंचों पर भी देश के सांस्कृतिक मूल्यों को की जबरदस्त पैरोकारी कर रहे हैं, इस दृष्टि से इस मामले को तुरंत देखा जाना चाहिए और बिग बॉस के शो पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
पत्र में कहा गया है बिग बॉस हमेशा विवादों में रहा है और इस शो में सदा अश्लीलता का बोलबाला रहा है। शो की सामग्री हमेशा अत्यधिक आपत्तिजनक होती है और लोगों को उकसाती है। वर्तमान शो में बेड फ्रेंड फॉरएवर की अवधारणा देश की मूल सांस्कृतिक और सामजिक भावना एवं फिल्म और टेलीविजन के लिए स्थापित नैतिक मानदंडों के खिलाफ है। इस सीरियल के निर्माता भूल गए हैं कि यह टीवी पर प्राइम टाइम स्लॉट है और जब यह शो प्रसारित होता है, सभी उम्र के लोग शो देखते हैं। इस शो की सामग्री का स्तर बेहद सस्ता है जिसे किसी भी राष्ट्रीय टीवी चैनल पर प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए।
खंडेलवाल ने कहा कि जब फिल्मों को सेंसर बोर्ड से पास होने के बाद ही रिलीज किया जाता है, तो फिर टीवी पर प्रसारित होने वाले सीरियल और रियल्टी शो सेंसर बोर्ड के अधीन क्यों नहीं हो सकते। शो के मेजबान सलमान खान एवं निर्माता और निर्देशक इसके संचालन के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं, जो इतनी निम्न स्तर की अश्लीलता दिखाते हैं।
कैट ने जावेड़कर से आग्रह किया है की बिग बॉस 13 पर अंतरिम कदम के रूप में तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए। प्रत्येक एपिसोड को सेंसर बोर्ड द्वारा विधिवत प्रमाणित करने के बाद ही प्रसारित करने की अनुमति दी जाए।