जनजीवन ब्यूरो / मुंबई : मुंबई के आरे जंगल में पेड़ कटाई पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एमएमआरसी) ने कहा है कि शीर्ष अदालत के आदेश का सम्मान करते हुए पेड़ों की कटाई रोक दी गई है। हालांकि तय लक्ष्य के मुताबिक, जिन 2185 पेड़ों को काटा जाना था उनमें से 2141 पेड़ काटे जा चुके हैं। मुंबई मेट्रो के प्रवक्ता ने कहा कि भविष्य में अब इस जगह कोई भी पेड़ नहीं काटा जाएगा। योजना के मुताबिक, अन्य कार्य जैसे कटे पेड़ों को हटाने और साफ-सफाई का काम जारी रहेगा।
प्रवक्ता ने कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं और आरे मिल्क कॉलोनी में कार शेड साइट के आसपास कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘हाई कोर्ट ने 4 अक्टूबर को पेड़ों की कटाई पर रोक की याचिका को खारिज करते हुए ट्री अथॉरिटी के 2185 पेड़ काटने के फैसले को बरकरार रखा था। हमने 4 और 5 अक्टूबर को पेड़ों की कटाई की और अब तक 2141 पेड़ों को काटा जा चुका है। इन्हें अब वहां से हटाकर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।’
एमएमआरसी ने किया पेड़ काटने के फैसले का बचाव
उधर, पेड़ों की कटाई को सही ठहराते हुए एमएमआरसी ने कहा कि हमने 23,846 पेड़ लगाए हैं और 25 हजार पौधे बांटे हैं। मुंबई मेट्रो ने कहा, ‘इस प्रॉजेक्ट को लेकर काम पहले ही करीब 6 महीने से ज्यादा लेट हो चुका है। हमें उम्मीद है कि अगर अब भी काम शुरू हुआ, तो हम डेडलाइन तक इसे पूरा कर लेंगे।’
जावड़ेकर ने कहा- मामला कोर्ट में, बोलना ठीक नहीं
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आरे को लेकर पूछे गए एक सवाल पर कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि चूंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है, इसलिए इस पर मेरा कुछ भी बोलना ठीक नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा, ‘अगर आप एक पेड़ काटते हैं तो आपको पांच पेड़ लगाने चाहिए और उनका उचित विकास सुनिश्चित करना चाहिए।
21 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक आदेश के जरिए 21 अक्टूबर तक मुंबई के आरे जंगल में पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने लॉ स्टूडेंट की याचिका पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार को पेड़ों की कटाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश दिया और अगली सुनवाई तक वहां यथास्थिति बहाल रखने को कहा। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जब तक फॉरेस्ट बेंच का फैसला नहीं आ जाता, तब तक आरे में यथास्थिति बहाल रखी जाए। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।