जनजीवन ब्यूरो
अहमदाबाद । पूरा गुजरात जातीय हिंसा की चपेट में आ गया है। सूरत में आरक्षण की मांग को लेकर पटेल समुदाय के प्रदर्शनकारी व पुलिस एक बार फिर आमने-सामने आ गए। पुलिस कार्रवाई से आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने पुलिस का विरोध शुरू कर दिया। स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। आरक्षण की मांग को लेकर गुजरात में एक बार फिर भड़की हिंसा की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात की अवाम से शांति बनाए रखने की अपील की है। मोदी ने कहा है कि हिंसा से किसी का लाभ नहीं है।
इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल से फाेन पर बात की तथा राज्य में कानून व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने राज्य सरकार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। गृह मंत्रालय लगातार गुजरात सरकार के संपर्क में है। हिंसा से निपटने के लिए सीआरपीएफ के पांच हजार जवानों को गुजरात रवाना किया गया है। मामले में गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि इस तरह से हिंसा भड़काना खतरनाक है। हालात राज्य सरकार के नियंत्रण में है। हम स्थिति पर पूरी नजर बनाए हुए हैं। उधर, मुख्यमंत्री आनंदी बेन ने ट्वीट कर लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की। उन्हाेंने लोगों से किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है। मूख्यमंत्री ने पुलिस कमिश्नर से श्रृंखलाबद्ध घटनाओं की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
उधर, सूरत में आज डायमंड बाजार बंद रहेंगे। इसके साथ ही राजकोट में स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। कपोदरा और सरधाना में हिंसा के बाद आज एतहितयात के तौर पर कर्फ्यू लगा दिया गया है। इस बीच, आंदोलन के प्रमुख नेता हार्दिक पटेल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अनशनकारियों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अफसरों के खिलाफ 36 घंटे के भीतर कार्रवाई हो, वरना आंदोलन को ब्लॉक स्तर ले जाया जाएगा।
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता अर्जुन मोडवाडिया ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि गुजरात सरकार लोगों द्वारा कानून को हाथ में लेने से रोकने में पूरी तरह विफल रही। उन्होंने सीएम आनंदी बेन के इस्तीफे की मांग की। वहीं अहमदाबाद के अहमदनगर सर्किल में ताजा हिंसा की खबर है।
इससे पहले, कल गुजरात के कई शहर आरक्षण के नाम पर हिंसा के हवाले हो गए। आरक्षण की मांग पर पाटीदार यानी पटेल समुदाय की महारैली में लाखों लोगों की भीड़ के बीच उनके नेता हार्दिक पटेल ने पहले अपने भाषण से आग उगली। अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान से हार्दिक पटेल ने कहा, ‘अगर सड़क पर उतर कर अधिकारों की मांग कर रहे युवाओं की मांगें पूरी नहीं हुई तो उनमें से कुछ नक्सली और कुछ आतंकी बन सकते हैं।’ हार्दिक को जबरदस्ती उठाने व पुलिस के लाठीचार्ज से नाराज पाटीदारों ने गुजरात भर में हिंसा व आगजनी की।
हार्दिक पटेल ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी पाटीदार ही हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरिये आंदोलन खड़ा करने का गुर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीखा है जबकि इसे सफल बनाने की सीख दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिली है। उन्होने कहा, वे समाज के पिछड़ों के लिए लड़ेंगे और कभी राजनीति में नहीं जाएंगे।
नारों और धमकियों के बाद महारैली शाम होते-होते हिंसक हो गई। गांधीनगर, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत में 20 स्थलों पर बसें जलाने व 50 से अधिक मोटर साइकिल को आग के हवाले कर दिया। मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के विधानसभा क्षेत्र घाटलोडिया, गोता में बसें जलाई गईं जबकि राणिप, न्यू राणिप, गोता, वाडज, साबरमती, वालीनाथ चौक व सौराष्ट्र व वडोदरा में कई स्थानों पर हिंसा की घटनाएं हुईं। जीएसटी पर रेलवे पटरियां उखाडऩे की कोशिश हुई व रेलिंग को तोड़ा गया। सीएम के गृह जनपद मेहसाणा में कर्फ्यू लगाना पड़ा। सूरत में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। यहां भी दो थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू है। गुजरात पुलिस का कहना है कि सभा करने के लिए समिति को शाम छह बजे तक मैदान दिया गया था। इसलिए देर शाम हार्दिक तथा उनके छह साथियों को पुलिस हिरासत में लेकर क्राइम ब्रांच ले गई थी।
दिन में मुख्यमंत्री आनंदीबेन के सरकारी आवास पर पाटीदार आंदोलन पर आपात बैठक हुई। जिसमें सरकार ने पाटीदार सभा स्थल पर मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के 24 घंटे में खुद आकर आरक्षण का वादा करने की हार्दिक पटेल की मांग को ठुकरा दिया। सीएम आवास व मंत्री आवास की सुरक्षा बीएसएफ के हवाले की गई है।
गुजरात का पाटीदार पटेल समुदाय मूल रूप से उत्तर प्रदेश का है जो कई दशकों पहले पशुपालन व खेती के लिए गुजरात में आकर बस गया था। पटेल समाज के दो प्रमुख समुदाय लेउवा व कडवा हैं। लेउवा खुद को भगवान राम के पुत्र लव के जबकि कडवा खुद को कुश का वंशज मानते हैं। गुजरात में इनकी आबादी डेढ़ करोड़ से अधिक है। मुख्यमंत्री आनंदीबेन खुद मेहसाणा के कडवा पाटीदार समुदाय से हैं जबकि उनके पति प्रो. मफतभाई पटेल लेउवा पटेल हैं।
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