जनजीवन ब्यूरो / प्रतापगढ़ । उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। प्रतापगढ़ में पूर्व सांसद और गांधी परिवार की करीबी मानी जाने वाली रत्ना सिंह ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है। खास बात यह है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इसे कांग्रेस के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि प्रतापगढ़ विधानसभा सीट पर 21 अक्टूबर को उपचुनाव है।
प्रतापगढ़ की पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता राजकुमारी रत्ना सिंह ने अपने समर्थकों के साथ मंगलवार को सीएम योगी की उपस्थिति में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। प्रतापगढ़ के गड़वारा में सीएम योगी एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। चुनावी जनसभा के मंच से ही रत्ना सिंह के बीजेपी में शामिल होने की घोषणा की गई। इस मौके पर उनके पुत्र भुवन्यु सिंह भी मौजूद रहे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रतापगढ़ विधानसभा उपचुनाव में सहयोगी अपना दल के प्रत्याशी राजकुमार के समर्थन में यहां चुनावी सभा की। इससे पहले रत्ना सिंह के बीजेपी में शामिल होने का कार्यक्रम लखनऊ में था, लेकिन इस बीच विधानसभा उपचुनाव की सरगर्मी बढ़ने से इस कार्यक्रम में बदलाव किया गया।
रत्ना सिंह के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने को पार्टी के गढ़ में बड़ी सेंध माना जा रहा है। अमेठी-सुलतानपुर, प्रतापगढ़ और रायबरेली बेल्ट कांग्रेस का मजबूत गढ़ रही है। लोकसभा चुनाव से लेकर पिछले कुछ महीनों के दौरान अमेठी से संजय सिंह और रायबरेली से दिनेश सिंह के बाद अब प्रतापगढ़ से रत्ना सिंह बीजेपी के पाले में आ गई हैं। ये तीनों ही नेता गांधी परिवार के खासमखास थे। वहीं, रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह की भी बीजेपी से करीबी की चर्चा है। 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर विधानसभा में हुई चर्चा में शामिल होने वाली अदिति इकलौती कांग्रेस विधायक थीं। इसके ठीक बाद उनकी सुरक्षा वाई कैटिगरी की कर दी गई थी।
राजकुमारी रत्ना सिंह का जन्म 29 अप्रैल, 1959 को हुआ। राजकुमारी रत्ना सिंह पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय राजा दिनेश सिंह की पुत्री हैं। राजा दिनेश सिंह प्रतापगढ़ से चार बार और उनकी पुत्री राजकुमारी रत्ना सिंह तीन बार 1996, 1999 और 2009 में सांसद रह चुकी हैं।
बीते लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी रह चुकीं राजकुमारी रत्ना सिंह के समर्थन में राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी प्रचार कर चुकी हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।