जनजीवन ब्यूरो / मुंबई : महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना में खींचतान बढ़ती ही जा रही है। ढाई-ढाई साल तक दोनों दलों के मुख्यमंत्री के फॉर्म्युले को सीएम फडणवीस के खारिज करने के बाद शिवसेना ने सरकार गठन को लेकर दोनों दलों के बीच होने वाली बैठक को रद्द कर दिया है। शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के इस सख्त रुख से दोनों दलों के बीच पहले से ही चला आ रहा तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है।
शाम 4 बजे होने वाली थी बैठक
शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने पीटीआई को बताया कि सरकार गठन को लेकर शाम 4 बजे दोनों दलों के बीच बैठक होने वाली थी लेकिन फडणवीस के बयान के बाद ठाकरे ने इसे रद्द कर दिया। मीटिंग में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर और शिवसेना के कई सीनियर लीडर हिस्सा लेने वाले थे। शिवसेना नेता ने बताया, ‘सरकार गठन पर चर्चा को शुरू करने के लिए इस बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर और बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव के शामिल होने की उम्मीद थी। शिवसेना की तरफ से सुभाष देसाई और संजय राउत हिस्सा लेने वाले थे।’
शिवसेना का दावा- लोकसभा चुनाव से पहले तय हुआ 50-50 फॉर्म्युला
शिवसेना ने बीजेपी के साथ बैठक को रद्द करने का फैसला ऐसे वक्त में किया है जब कुछ घंटे पहले ही फडणवीस ने इससे इनकार किया था दोनों दलों के बीच 50-50 जैसे किसी फॉर्म्युले पर कभी सहमति बनी थी। उद्धव ठाकरे का दावा है कि इस साल लोकसभा चुनाव से पहले 50-50 फॉर्म्युले के तहत दोनों दलों से ढाई-ढाई साल तक सीएम को लेकर खुद उनके, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और फडणवीस के बीच ‘सहमति’ बनी थी।
दावे के समर्थन में शिवसेना ने जारी किया विडियो
शिवसेना ने राज्य में अगली गठबंधन सरकार के लिए दावा पेश करने से पहले बीजेपी से ‘सत्ता के समान बंटवारे के फॉर्म्युले’ को लागू करने के लिए लिखित में आश्वासन की मांग की है। शिवसेना का दावा है कि खुद फडणवीस ने कैमरे के सामने 50-50 फॉर्म्युले की बात की थी। अपने इस दावे के समर्थन में शिवसेना ने एक पुराने विडियो क्लिप को जारी किया है जिसमें फडणवीस ‘पद और जिम्मेदारियों का समान रूप से निर्वहन’ की बात करते देखे जा रहे हैं।
‘कुछ बोलने से पहले अपने शब्दों पर ध्यान दें फडणवीस’
शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘उद्धव ने मंगलवार शाम 4 बजे होने वाली बैठक को रद्द कर दिया। हमने सीएम के विडियो क्लिप को भेज दिया है जिसमें वह पद और जिम्मेदारियों के बराबर-बराबर निर्वहन की बात कर रहे हैं। फडणवीस को ऐसे बयान देते समय अपने शब्दों पर ध्यान देना चाहिए।’
बीजेपी की सीटें पहले से घटने पर शिवसेना ने बढ़ाया दबाव
इससे पहले, मंगलवार को फडणवीस ने ऐलान किया कि बुधवार को होने वाली बीजेपी विधायक दल की बैठक में अमित शाह शामिल नहीं होंगे। दरअसल, पिछले हफ्ते एक बीजेपी नेता ने कहा था कि गतिरोध को दूर करने के लिए शाह उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर सकते हैं। हालिया विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सीटें घटने के बाद से ही शिवसेना बारी-बारी से ढाई-ढाई साल के लिए दोनों दलों के मुख्यमंत्री की मांग कर रही है। शिवसेना विधायकों ने पिछले हफ्ते मांग की थी कि उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य को मुख्यमंत्री बनाया जाए। आदित्य ने इस बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की। ठाकरे परिवार से चुनाव लड़ने वाले वह पहले शख्स हैं।
बीजेपी के 105 और शिवसेना के 56 विधायक
बता दें कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के 105 विधायक जीतकर आए हैं, जबकि सहयोगी शिवसेना के 56 विधायक जीते हैं। इस बार शिवसेना मुख्यमंत्री पद पर अड़ी हुई है। इस बार के चुनाव में उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे ने भी चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। पहली बार ठाकरे परिवार का कोई सदस्य चुनावी मैदान में उतरा था। पिछली बार बीजेपी के 122 विधायक जीते थे और शिवसेना से 63 विधायक विजयी हुए थे। पिछली बार दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़े थे लेकिन इस बार गठबंधन कर चुनाव लड़े थे।
अमित शाह-उद्धव ठाकरे करेंगे मुलाकात: पाटिल
महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा, देवेंद्र जी ने आज कहा कि ढाई-ढाई साल के लिए सीएम पद का प्रस्ताव लोकसभा चुनाव के दौरान आया था। उन्होंने ये भी कहा कि इस प्रस्ताव पर क्या हुआ कोई नहीं जानता, सिर्फ अमित शाह जानते हैं। अमित जी और उद्धव जी एक दूसरे से मुलाकात कर मामला सुलझाएंगे।
उद्धव ने बैठक की रद्द
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि आज शाम चार बजे भाजपा-शिवसेना की बैठक तय हुई थी। लेकिन जब सीएम ही खुद कह रहे हैं 50-50 फॉर्मूले पर चर्चा ही नहीं हुई थी तो ऐसी बातचीत का क्या नतीजा निकलेगा। किस आधार पर हम उनसे बातचीत करेंगे। इसलिए उद्धव जी ने आज की बैठक ही रद्द कर दी।
इस बैठक में भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और पार्टी नेता भूपेंद्र यादव शामिल होने वाले थे। वहीं शिवसेना की तरफ से सुभाष देसाई और संजय राउत को बैठक में शामिल होना था।
सोमवार को दोनों पार्टियों के नेताओं ने राज्यपाल से अलग-अलग मुलाकात की। अब शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत का कहना है कि महाराष्ट्र में किसी दुष्यंत के पिता जेल में नहीं हैं।
संजय राउत से जब पूछा गया कि भाजपा के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन होने के बावजूद सरकार बनाने में देरी क्यों हो रही है तो उन्होंने कहा, ‘यहां कोई दुष्यंत नहीं है जिसके पिता जेल में हों। हम धर्म और सत्य की राजनीति करते हैं। शरद पवार जी ने भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाया। वह कभी भाजपा के साथ नहीं जाएंगे।’
इससे पहले सोमवार को शिवसेना ने कहा कि राजनीति में कोई भी साधु-संत नहीं होता है। इस बयान से उसने संकेत दिया है कि यदि भाजपा उसकी मांगों को नहीं मानती है तो वह कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का समर्थन लेकर सरकार बना सकती है। शिवसेना के नेता संजय राउत ने कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाने की संभावनाओं को खारिज नहीं किया लेकिन कहा कि शिवसेना गठबंधन की पवित्रता में विश्वास करती है।