मृत्युंजय कुमार / नई दिल्ली । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम के 13 दिन बाद भी राज्य में नई सरकार के गठन को लेकर असमंजस बरकरार है। बीजेपी और शिवसेना में जहां सीएम पद को लेकर पेंच फंसा है, वहीं कांग्रेस-एनसीपी सावधानीपूर्वक आगे बढ़ रही है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि शिवसेना अब भी सीएम पद की मांग पर कायम है। गवर्नर से मिलने के बाद बीजेपी नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस के जवाब में राउत ने कहा कि बीजेपी यदि सरकार नहीं बना रही है तो साफ है कि उसके पास बहुमत नहीं है। वे राष्ट्रपति शासन लगाने की मंशा रखते हैं। यदि वे सरकार नहीं बना पा रहे हैं तो फिर बताएं कि हमारे पास बहुमत नहीं है। यदि वे राज्यपाल से मिलकर आए हैं तो उन्हें 145 विधायकों की सूची उन्हें सौंपनी चाहिए थी।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से महाराष्ट्र भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। मुलाकात के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जनता ने भाजपा-शिवसेना ‘महायुति’ को बहुमत दिया है। सरकार बनाने में देरी हो रही है, अब तक सरकार बन जानी चाहिए थी। हम राज्य में कानूनी विकल्पों और राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए राज्यपाल से मिले। हम आलाकमान से चर्चा कर आगे की रणनीति तय करेंगे।
शिवसेना की बैठक में विधायकों ने उद्धव पर छोड़ा फैसला
शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायकों की मातोश्री में बैठक हुई जिसमें विधायकों ने उद्धव ठाकरे पर फैसला छोड़ दिया है। बैठक के बाद शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने कहा कि हम अगले दो दिनों के लिए होटल में रुकेंगे। हम वही करेंगे जो उद्धव ठाकरे करने के लिए कहेंगे।
राउत ने कहा पार्टी विधायकों से कहा कि हमारी मांग अब भी बदली नहीं है। यही नहीं बीजेपी को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे साथ ब्लैकमेलिंग नहीं चलेगी। राउत ने कहा कि जब बीजेपी गवर्नर के पास गई तो फिर सरकार गठन का दावा क्यों नहीं पेश किया। ठाकरे फैमिली के वफादार माने जाने वाले राउत ने कहा कि हम अब भी सीएम की मांग पर कायम हैं। सरकार में शिवसेना का मुख्यमंत्री होना चाहिए।
बीजेपी पर संविधान के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए राउत ने कहा, ‘संविधान का पेच नहीं चलेगा। हमें भी संविधान मालूम है और हम उसके दायरे में रहते हुए राज्य में शिवसेना का सीएम बनाएंगे। सरकार बनाने का दावा बीजेपी को पेश करना चाहिए। बार-बार उनके नेता कहते हैं कि सीएम बीजेपी का होगा। यदि आप गवर्नर से मिले हैं तो फिर 145 विधायकों की सूची लेकर जाते तो हमें अच्छा लगता।’
“महाराष्ट्र के ऊपर राष्ट्रपति शासन जबर्दस्ती थोपा जा रहा है। यह राज्य की जनता का सरासर अपमान है। आप जनता को साफ बताएं कि सरकार नहीं बना सकते हैं और विपक्ष में बैठेंगे। बीजेपी राष्ट्रपति शासन बनाने के हालात पैदा कर रही है। यह संविधान बनाने वाले बाबा साहेब भीमराव आबंडेकर का अपमान है। आप राज्यपाल से मिलकर आए हैं। आपको उन्हें 145 विधायकों की लिस्ट सौंपनी चाहिए थी।”-शिवसेना नेता संजय राउत
उद्धव ने विधायकों से पूछा, क्या मैं गलत हूं?
उन्होंने कहा कि मीटिंग में उद्धव ठाकरे ने विधायकों से कहा कि क्या जो हम कर रहे हैं, वह गलत है? इस पर विधायक ने कहा कि आप जो कर रहे हैं, वह एकदम सही है। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों ने उद्धव ठाकरे जी को सरकार गठन पर फैसले के लिए अधिकृत किया है। उनकी ओर से लिया गया फैसला आखिरी होगा।
संजय राउत ने कहा कि जब बीजेपी के नेता गवर्नर से मिले तो फिर उन्होंने सरकार गठन का दावा पेश क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोग सरकार बनने की अपेक्षा कर रहे हैं। राज्य को जल्द से जल्द सरकार मिलनी चाहिए। शिवसेना का सीएम होना चाहिए। विधायकों को होटल में रखने को लेकर उन्होंने कहा कि हमें बीजेपी की ओर से तोड़े जाने का डर नहीं है। नए विधायकों को आवास मुहैया नहीं हुए हैं। इसलिए उन्हें रखने की व्यवस्था पार्टी ने की है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार गठन को लेकर शिवसेना से बातचीत चल रही है। देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के ज्यादा विधायक होते हैं मुख्यमंत्री उसी का होता है। भाजपा के पास राज्य में 105 विधायक हैं। इसलिए यह साफ है कि मुख्यमंत्री भाजपा का ही होगा।
गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का महाराष्ट्र सरकार गठन से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने खुद के महाराष्ट्र की राजनीति में वापसी को लेकर चल रहे खबरों पर कहा कि वह केंद्र में ही बने रहेंगे। महाराष्ट्र वापस जाने का कोई सवाल ही नहीं है।