जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा चुनाव क्षेत्र वाराणसी समेत 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा तो की है लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या उपाध्यक्ष राहुल गांधी के चुनाव क्षेत्र को इसमें शामिल नहीं किया है। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडु ने यहां घोषणा करते हुए कहा कि देश के 100 स्मार्ट शहरों की सूची में अभी सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारों की सिफारिश के आधार पर 98 शहरों का चयन किया गया है। इन नामों की घोषणा देशभर के शहरों के बीच प्रतियोगिता के बाद किया गया है। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 13 स्मार्ट शहर बनेगें। उन्होंने कहा कि 2 स्मार्ट शहरों के नाम की घोषणा बाद में की जाएगी। यह एक शहर जम्मू-कश्मीर से होंगे और दूसरा उत्तर प्रदेश से मेरठ या रायबरेली में से एक होगा। 100 स्मार्ट शहर पर अगले पांच साल में 48,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वहीं, अमृत शहरों को मिलाकर कुल निवेश 96,000 करोड़ रुपए का होगा। पहले चरण में 20 स्मार्ट शहर और दूसरे चरण में 80 स्मार्ट शहर का निर्माण होगा।
नायडु ने बताया कि पहले साल में प्रत्येक स्मार्ट षहर के लिये 200 करोड और उसके बाद चार साल में 100-100 करोड़ रूपये प्रदान किए जाएगें। उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार इन 98 शहरों में करीब 13 करोड़ की आबादी थी जो शहरी आबादी का 35 प्रतिशत हिस्सा है।
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री ने कहा कि स्मार्ट शहर की सूची में यूपी के 13 शहर, राजस्थान के 4 शहर, आंध्र प्रदेश, पंजाब और बिहार के तीन-तीन शहर, गुजरात के 6 शहर, महाराष्ट्र 10 के शहर, तमिलनाडु के 12 शहर, मध्य प्रदेश के 7 शहर, पश्चिम बंगाल के 4 शहर, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, ओडिशा व हरियाणा के दो-दो शहर, कनार्टक के 6 शहर, दिल्ली, केरल, झारखंड, गोवा, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़ के एक-एक शहर शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 4 स्मार्ट शहरों की जनसंख्या 50 लाख से अधिक होगी, जिसमें चेन्नई, ग्रेटर हैदराबाद, अहमदाबाद और ग्रेटर मुंबई षामिल है। 98 शहरों में 24 राज्यों की राजधानियां भी शामिल हैं। स्मार्ट शहरों का निर्माण स्पेशल पपर्स व्हीकल:एसपीवीः के तहत होगा। स्मार्ट शहरों के निर्माण में राज्य और शहरी प्राधिकरण की हिस्सेदारी 50-50 फीसदी होगी। सरकार इसमें निजी क्षेत्र को भी ला सकती है। 98 में से 90 अमृत शहर बनेंगे। शहरी प्रतिस्पर्धा चैलेंज के बाद राज्यों की सूची जारी की गई है। 98 स्मार्ट शहरों में 24 व्यापार और औद्योगिक केन्द्र, 18 संस्कृति एवं पर्यटन केन्द, पांच बंदरगाह वाले शहर और तीन शिक्षा और स्वास्थ देखभाल हब हैं।
नायडू ने कहा कि स्मार्ट शहरों की परियोजनाओं को लागू करने में राज्य-केंद्र शासित प्रदेशों और शहरी स्थानीय संस्थाओं की भूमिका अहम होगी। स्मार्ट शहरों के लिए स्मार्ट लोगों की जरूरत है। इस मिशन पर आगे बढ़ने के लिए जनता के सहयोग की जरूरत है।
स्मार्ट सिटी का हिंदी नाम पूछे जाने पर नायडू ने कहा कि इसका नाम सुंदर नगरी होना चाहिए। नायडू ने यह भी कहा कि यदि कोई अच्छा नाम आता है, तो उस पर विचार होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार के स्मार्ट शहर मिशन में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी, नीदरलैंड, स्वीडन, जापान, चीन, सिंगापुर, इस्त्राइल, आस्ट्रेलिया देषों ने दिलचस्पी दिखाई है।
नायडु ने बताया कि स्मार्ट शहरों के लिये कोर इंफ्रास्ट्रक्चर एलिमेंट्स तय किया गया है कि जिन शहरों में पर्याप्त पानी की सप्लाई, सुनिश्चित बिजली आपूर्ति, सफाई सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, ठोस परिवहन व्यवस्था और पब्लिक ट्रांसपोर्ट, सस्ते घर खासकर गरीबों के लिए, आईटी कनेक्टिविटी और डिजिटाइजेशन, ई-गवर्नेंस और नागरिकों की सहभागिता, पर्यावरण, नागरिकों की सुरक्षा:विशेषकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों और शिक्षा व स्वास्थ्य की व्यवस्था होगी, उन्हें स्मार्ट सिटी माना जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट शहरों में मिक्सड लैंड यूज डेवलपमेंट को प्रोत्साहित किया जाएगा, वहीं, अनियोजित क्षेत्र के लिए भी योजनाएं तैयार की जाएगी। हालांकि राज्य सरकारें लैंड यूज और बिल्डिंग बायलॉज में कुछ बदलाव कर सकती हैं।