जनजीवन ब्यूरो
अहमदाबाद। गुजरात में पटेल समुदाय की ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन के दौरान दो दिन तक हिंसा के बाद आज तनावपूर्ण शांति रही। जातीय हिंसा में मृतक संख्या 10 पहुंच गयी है। आंदोलनकारी हार्दिक पटेल ने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी देते हुए किसानों से कहा है कि वे शहरी इलाकों में दूध और सब्जियों की आपूर्ति न करें। उन्होंने राज्य में फैली हिंसा में मारे गये समुदाय के प्रत्येक सदस्य के परिजनों को 35-35 लाख रपये मुआवजा देने की मांग की।
आंदोलन की अगुवाई कर रहे 22 साल के हार्दिक पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की शांति की अपीलों के बावजूद आज अपना आक्रामक रख जारी रखा और अपने समुदाय के किसानों से शहरों में सब्जियों तथा दूध जैसी जरुरी वस्तुओं की आपूर्ति नहीं करने और अन्य पिछडा वर्ग (ओबीसी) के तहत नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण की मांग का समर्थन करने को कहा।
गुजरात विधानसभा में भी यह मुद्दा उठा जहां नारेबाजी कर रहे कांग्रेसी विधायकों को सदन से दिनभर के लिए निलंबित कर दिया गया।
कल से राज्य में तैनात सेना ने अहमदाबाद में फ्लैग मार्च किया ताकि लोगों में हिंसा के बाद विश्वास का माहौल पैदा हो। सूरत और मेहसाणा में भी सेना तैनात की गयी है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक आज रेल यातायात पूरी तरह बाधित रहा जहां कम से कम आठ स्थानों पर प्रदर्शनकारी पटरी उखाड चुके हैं। राज्य में चलने वाली राजधानी समेत 55 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं।
जिला कलेक्टर राजकुमार बेनीवाल ने संवाददाताओं से कहा, पूरे अहमदाबाद जिले से आज कोई अप्रिय घटना की खबर नहीं आयी। सरकारी और निजी कार्यालय, व्यापारिक प्रतिष्ठान, शॉपिंग कांप्लेक्स और दुकानें खुली रहीं। बेनीवाल ने कहा,हालात नियंत्रण में हैं और शहर में शांति व्याप्त है। उन्होंने कहा कि सेना की पांच कंपनियों ने (करीब 500 जवानों ने) हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में फ्लैग मार्च किया।
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