जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फीस बढ़ोत्तरी समेत कई मुद्दों के खिलाफ कई दिन से प्रदर्शन कर रहे छात्रों के आगे आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा। बुधवार को विश्वविद्यालय परिसर में आधिकारिक परिषद की बैठक के दौरान बढ़ी हुई हॉस्टल फीस वापस ले ली गई है। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों को आर्थिक सहायता के लिए एक योजना भी प्रस्तावित की है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के शिक्षा सचिव, आर सुब्रह्मण्यम ने बताया कि जेएनयू कार्यकारी समिति ने छात्रावास शुल्क और अन्य वजीफा में प्रमुख रोल-बैक की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों को आर्थिक सहायता के लिए एक योजना प्रस्तावित की गई है।
दरअसल, जेएनयू में छात्रावास का किराया 20 रुपये से 30 गुना बढ़ाकर 600 रुपये और मेस का सुरक्षा शुल्क 5,500 रुपये से लगभग दोगुना बढ़ाकर 12,000 रुपये कर दिया गया था। इसके अलावा छात्रों से हर माह 1700 रुपये अतिरिक्त सेवा शुल्क के रूप में देने को कहा गया था जो छात्र पहले नहीं देते थे। यह साफ-सफाई और मेंटेनेंस के नाम पर मांगा गया था। पहले इस तरह का कोई शुल्क छात्रों से नहीं लिया जाता था। विश्वविद्यालय के छात्रों का कहना था कि छात्रावास में कर्फ्यू का माहौल बना दिया गया। नियम इतने अधिक सख्त कर दिए गए कि छात्र पढा़ई करने की जगह फाइन दिए जा रहे थे।
हॉस्टल फीस वृद्धि के विरोध में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों का विरोध प्रदर्शन बुधवार को तीसरे दिन तक जारी थी। छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए जेएनयू में सादी वर्दी में पुलिस बल भी मौजूद रहे। विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र विश्वविद्यालय के कुलपति एम.जगदीश कुमार के साथ बैठक करने की मांग पर अड़े हुए थे।
बता दें कि इससे पूर्व अपनी मांगों को लेकर जेएनयू छात्रसंघ के विद्यार्थी बैठक कक्ष के बाहर इकट्ठा हो गए थे और दिनभर प्रदर्शन किया।
इससे पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने यूजीसी कार्यालय के बाहर फीस वृद्धि को लेकर प्रदर्शन किया था, लेकिन एन वक्त पर बैठक का स्थान बदल दिया गया था और आधिकारिक परिषद के सदस्यों को बिना जानकारी दिए एक कार में बिठाकर बैठक के लिए अज्ञात जगह भेज दिया गया था। इस दौरान कैंपस के अंदर सादी वर्दी में तैनात दिल्ली पुलिस विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ नजर आई थी।
इसके बाद एड ब्लॉक के सामने विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए जेएनयू के छात्र परिसर के अंदर पिंक पैलेस पहुंच गए थे। विरोध में शामिल छात्र कुलपति से मुलाकात कर अपनी मांगों को लेकर बातचीत करना चाहते थे।