जनजीवन ब्यूरो / गुवाहाटी : असम सरकार के वित्तमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता हेमंत बिस्वा शर्मा ने बुधवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। शर्मा ने कहा कि असम में एनआरसी लागू करते वक्त कई सारी गड़बड़ियां सामने आई हैं। हम चाहते हैं कि वर्तमान में जारी की गई नागरिक सूची को रद्द करते हुए असम सरकार अब राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली एनआरसी प्रक्रिया का हिस्सा बने।
शर्मा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने हाल में जारी एनआरसी को खारिज किए जाने का केंद्र से अनुरोध किया है। गुवाहाटी में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में शर्मा ने कहा कि असम सरकार ने एनआरसी को स्वीकार नहीं किया है। सरकार और बीजेपी ने देश के गृहमंत्री से एनआरसी को खारिज करने का अनुरोध किया है।
एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला की कड़ी निंदा करते हुए मंत्री ने आरोप लगाया कि एनआरसी सर्वे की पूरी कवायद राज्य सरकार को अलग रखते हुए चलाई गई। उन्होंने कहा, पूरा देश सोचता था कि एनआरसी लागू करने का काम असम सरकार द्वारा किया जा रहा है। हम एक व्यक्ति की वजह से खमियाजा भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हजेला ने एक भिन्न व्यवस्था के तहत कवायद चलाई, कई स्तरों पर सवाल तैयार किए गए। जनप्रतिनिधि होने के नाते, हम अब इन सवालों का जवाब देने में असमर्थ हैं।
NRC पर राज्यसभा में बोले अमित शाह- ‘पूरे देश में लागू करेंगे किसी को डरने की जरूरत नहीं’
पूरे देश में लागू करेंगे एनआरसी: अमित शाह
बता दें कि इससे पहले राज्यसभा में बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एनआरसी मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों पर जवाब दिया था। उन्होंने धर्म के आधार पर एनआरसी में भेदभाव किए जाने की आशंका को खारिज किया। गृहमंत्री ने कहा कि एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और इसे पूरे देश में लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म विशेष के लोगों को इसके कारण डरने की जरूरत नहीं है। यह एक प्रक्रिया है जिससे देश के सभी नागरिक एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकें।
‘किसी भी धर्म के लोग बन सकते हैं एनआरसी का हिस्सा’
उन्होंने कहा, ‘एनआरसी में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है जिसके आधार पर कहा जाए कि और धर्म के लोगों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। सभी नागरिक भले ही उनका धर्म कुछ भी हो, एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकते हैं। एनआरसी अलग प्रक्रिया है और नागरिकता संशोधन विधेयक अलग प्रक्रिया है। इसे एक साथ नहीं रखा जा सकता।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा ताकि भारत के सभी नागरिक एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकें।