जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । कांग्रेस के चुनावी बॉन्ड्स को मुद्दा बनाने पर बीजेपी ने जोरदार हमला बोला है। सत्तारूढ़ पार्टी ने गुरुवार को कहा कि हताश और भ्रष्ट नेताओं का गठबंधन चुनाव में साफ-सुथरा पैसा आने नहीं देना चाहता है। केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेताओं को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड्स का सिर्फ वही लोग विरोध कर रहे हैं, जो काले धन में विश्वास करते हैं और जिन्हें चुनाव में काला धन इस्तेमाल करने की आदत पड़ गई है। आपको बता दें कि कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि चुनावी बॉंड से भ्रष्टाचार बढ़ा है।
गोयल ने कहा कि चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेताओं से करोड़ों रुपये जब्त किए हैं, वे भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं और बड़े पैमाने पर काले धन का इस्तेमाल करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड के जरिए चुनावी राजनीति में ईमानदारी से अर्जित किया गया धन आया। उन्होंने कहा कि बीजेपी काले धन के खिलाफ लड़ने वाली एकमात्र पार्टी है और चुनावी राजनीति में ईमानदारी से अर्जित तथा वैध धन को बढ़ावा देती है।
कांग्रेस ने क्या लगाए आरोप
लोकसभा में कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने गुरुवार को यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, ‘रिजर्व बैंक और चुनाव आयोग के विरोध के बावजूद इस सरकार ने चुनावी बॉन्ड जारी किए हैं। इससे सरकारी भ्रष्टाचार पर एक अमली जामा चढ़ गया है। 2017 से पहले देश में एक मूलभूत ढांचा था, जिससे धनी लोगों का भारतीय सियासत में हस्तक्षेप नियंत्रित था। लेकिन 1 फरवरी 2017 को आम बजट में सरकार ने प्रावधान किया कि अज्ञात चुनावी बॉन्ड जारी किए जाएं, जिसके डोनर का पता नहीं है और न ही जिसको दिया गया उसकी कोई जानकारी है।’
चुनावी बॉन्ड्स पर कांग्रेस ने लोकसभा में किया हंगामा
कांग्रेस के सदस्यों ने चुनावी बॉन्ड के मुद्दे पर गुरुवार को लोकसभा में हंगामा किया। सदन की कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने चुनावी बॉन्ड का मुद्दा उठाने की कोशिश की, लेकिन स्पीकर ओम बिरला ने इसकी अनुमति नहीं दी। कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कार्य स्थगन नोटिस दिया था। आसन पास आकर कांग्रेस सांसदों ने ‘चुनावी बॉन्ड का चंदा बंद करो’ के नारे लगाए। उधर, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे साफ-सुथरी सरकार चला रहे हैं और इसमें भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं है।
न्यू इंडिया में रिश्वत को चुनावी बॉन्ड कहते हैं: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पूरी पार्टी ने चुनावी बॉन्ड पर बीजेपी पर निशाना साधा है। हाल में किए एक ट्वीट में राहुल ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए तंज कसा था कि न्यू इंडिया में रिश्वत और गैरकानूनी कमीशन को चुनावी बॉन्ड कहा जाता है। गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया उसमें दावा किया गया है कि चुनावी बॉन्ड की व्यवस्था की आधिकारिक घोषणा से पहले रिजर्व बैंक ने इस कदम का विरोध किया था।
बीजेपी का हमला, यह पारदर्शिता का कदम
गोयल ने कहा कि हाल में वही टोली, जो अनाप-शनाप आलोचना और आरोप पीएम मोदी और हमारी सरकार पर लगाने की कोशिश करती रहती है, उन्होंने अचानक चुनावी बॉन्ड्स की आलोचना की। ये आरोप बिल्कुल बेबुनियाद हैं। सच्चाई यह है कि मोदी सरकार ने भारतीय राजनीति में पारदर्शिता लाने के लिए चुनावी बॉन्ड्स का एक बहुत अहम कदम उठाया है।
गोयल ने क्या रखे तर्क
– नरेंद्र मोदी की सरकार ने पहली बार चुनाव आयोग की सलाह पर कैश में डोनेशन के रूप में 2,000 रुपये से ज्यादा देने पर रोक लगा दी। पहले 20 हजार तक कैश में डोनेशन दी जा सकती थी।
– आज विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी है और हमारी पार्टी ने शुरुआत से ये उसूल रखा कि हम पैसा या तो चेक से लेंगे या पहले 20 हजार और अब 2 हजार कैश में लेंगे।
– हमने चुनावी बॉन्ड्स के माध्यम से सुनिश्चित किया है कि जो भी पैसा राजनीति में आए, वो पैसा बैंक के माध्यम से आए, उसका KYC हो।