जनजीवन ब्यूरो / मुंबई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को महाराष्ट्र के 19 वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की। हालांकि, वह बिल्कुल अलग विचारधारा रखने वाली पार्टियों के साथ त्रिदलीय गठबंधन के नेता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं। मनोहर जोशी और नारायण राणे के बाद वह शिवसेना से राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री हैं। जोशी और राणे 1990 के दशक में मुख्यमंत्री रहे थे। इसके अलावा, उद्धव देश के इस सबसे धनी राज्य में मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने वाले ठाकरे परिवार के पहले सदस्य भी हैं।
उद्धव ने कहा, “मैं छत्रपति शिवाजी महाराज और अपने माता-पिता का स्मरण कर शपथ शुरू करता हूं। उद्धव शपथ लेने के बाद जमीन पर बैठ गए और झुककर सबका अभिवादन किया। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें शपथ दिलवाई, जिन्होंने 6 दिन पहले देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई थी। उद्धव शपथ के तुरंत बाद परिवार के साथ सिद्धि विनायक मंदिर दर्शन करने के लिए गए।
बीजेपी के साथ दिखाई बाल ठाकरे वाली आक्रामकता
मृदुभाषी और सौम्य स्वभाव वाले उद्धव (59) ने 24 अक्टूबर को आए विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद मुख्यमंत्री पद साझा करने के लिए अपनी पूर्व सहयोगी बीजेपी के साथ सौदेबाजी में उसी आक्रामकता का परिचय दिया, जो उनके दिवंगत पिता बाल ठाकरे में दिखा करती थी। बीजेपी के साथ मुख्यमंत्री पद ढाई-ढाई साल के लिए साझा करने के अपने रुख पर वह अडिग रहे और झुकने से इनकार कर दिया।
महाराष्ट्र की राजनीति में नई करवट
उनके इस कदम के चलते करीब तीन दशक पुराना भगवा गठजोड़ टूट गया और राज्य की राजनीति ने नई करवट ली। बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद अब उद्धव को राज्य के लीडर के तौर पर खुद को साबित करना है, जो कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) जैसी बिल्कुल अलग विचाराधारा वाली पार्टियों के साथ एक नई राजनीतिक राह पर चल सके। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ‘महाराष्ट्र विकास आघाड़ी’ (MVA) के घटक दल हैं।
शपथ ग्रहण समारोह में शिवाजी पार्क में करीब 70 हजार समर्थकों के अलावा द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस, मनसे प्रमुख राज ठाकरे, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर उद्धव को बधाई दी। सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने उद्धव को बधाई दी, लेकिन समारोह में न शामिल हो पाने पर खेद भी जाहिर किया। इनके अलावा बंगाल की मुख्यमंत्री ममता, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी उद्धव को बधाई दी।
इन विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली
शिवसेना: विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई।
राकांपा: विधायक दल के नेता जयंत पाटिल, छगन भुजबल।
कांग्रेस: विधायक दल के नेता और 8 बार के विधायक बालासाहेब थोराट।
चर्चा थी कि अजित पवार भी शपथ लेंगे, लेकिन समारोह से पहले उन्होंने खुद ही इस बात को नकार दिया। अजित ने कहा, “मैं शपथ नहीं ले रहा हूं। उप मुख्यमंत्री पर अभी फैसला नहीं हुआ है। राकांपा के भीतर इस पर फैसला होना अभी बाकी है।”
उद्धव के शपथ में 6 पूर्व मुख्यमंत्री पहुंचे
उद्धव के शपथ ग्रहण में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना नेता मनोहर जोशी, कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे, अशोक चह्वाण और पृथ्वी राज चौहान पहुंचे। इनके अलावा देवेंद्र फडणवीस भी समारोह में मौजूद थे। ये 6 नेता महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
सेकुलर गठबंधन के नेता उद्धव ने भगवा कुर्ते में शपथ ली
महाराष्ट्र विकास आघाड़ी के नेता उद्धव ने भगवा कुर्ते में शपथ ग्रहण किया। उनके माथे पर लाल रंग का तिलक लगा हुआ था। जबकि राकांपा-शिवसेना-कांग्रेस का यह गठबंधन सेकुलर है। उद्धव समेत सभी मंत्रियों ने मराठी में शपथ ली। इससे पहले उन्होंने छत्रपति शिवाजी की मूर्ति को प्रणाम किया।
शिवाजी पार्क में ही हुआ था ऐलान- शिवसैनिक बनेगा मुख्यमंत्री
ठाकरे परिवार के लिए मुंबई का शिवाजी पार्क हमेशा से खास रहा है। यही वो मैदान है, जहां शिवसेना हर साल दशहरे के दिन रैली करती है। इसी दिन बाला साहेब ठाकरे इसी मैदान से शिवसैनिकों को संबोधित करते थे। उनके निधन के बाद उद्धव ने इस परंपरा को जारी रखा। इसी मैदान में बाला साहब का अंतिम संस्कार हुआ। छत्रपति शिवाजी महाराज की बड़ी प्रतिमा के पास ही बाल ठाकरे का स्मारक बना हुआ है। इसी साल दशहरा रैली के मौके पर ऐलान किया गया था कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा।