जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली / लखनऊ : उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद परिजन अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ने की कसम खा रहे हैं। अंतिम संस्कार की बात पर भाई ने कहा, ‘शव को न जलाएंगे न बहाएंगे, धरती मैया की गोद में दफनाएंगे’। पीड़ित के पिता का कहना है गुनहगारों को दौड़ाकर मारा जाए, जबकि बहन बोली किसी को नहीं छोडूंगी चाहे मेरी जान क्यों नहीं चली जाए। आगे की लड़ाई के लिए मैं तैयार हूं।
पीड़िता की मौत के बाद अस्पताल में ही अंतिम समय तक उसके साथ रहा भाई अब मीडिया के सामने आया है। उसने पीड़िता की अंतिम इच्छा के साथ ही ये भी बताया कि उसका परिवार पीड़िता का क्रिया-कर्म कैसे करने वाला है।
उन्नाव पीड़िता की मौत के बाद मीडिया के सामने आए उसके भाई ने दुखी होते हुए कि, मैं अपनी बहन को नहीं बचा पाया। अब मैं सरकार और पुलिस से मांग करता हूं कि मेरी बहन इस दुनिया में नहीं है तो आरोपी को भी मौत मिलनी चाहिए।
भाई ने बताया कि बहन को हमने वादा किया था कि उसे बचा लेंगे पर नहीं बचा पाए। हम आरोपी को भी सजा दिलवाकर रहेंगे। जब भाई से पीड़िता के अंतिम संस्कार के बारे में पूछा गया तो वह बोले कि अपनी बहन के शव को न गंगा में बहाएंगे, न ही आग के हवाले करेंगे, उसे धरती मैया की गोद में दफनाएंगे।
पिता ने शनिवार को कहा कि मौत का बदला सिर्फ मौत होता है। गुनहगारों को बगैर देर किए फांसी मिले या उन्हें दौड़ाकर गोली मार दी जाए। बहन ने कहा कि आगे की लड़ाई के लिए तैयार हूं। पीड़ित की मौत के बाद बिहार इलाके के गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। आज शाम तक पीड़ित का शव गांव आने की उम्मीद है।
पिता ने कहा, ‘‘परिवार को एक पैसा नहीं चाहिए। बस, मेरी बेटी को इंसाफ मिले। परिवार को आरोपी सरेआम जान से मारने की धमकी सरेआम देते थे। कई बार यह भी कहा कि केस वापस नहीं लिया तो परिवार और बेटी को आग लगा देंगे। पुलिस को इसकी जानकारी दी, लेकिन वे हर बार टालमटोल करते रहे। बेटी की मौत की खबर अखबार से मिली। पुलिस या प्रशासन का कोई आदमी यह बताने नहीं आया। हमारे विधायक ने भी कोई खैरख्वाह नहीं ली।’’
पीड़ित की बहन बोली- अब मैं लड़ाई लड़ूंगी
पीड़ित से एक साल बड़ी बहन ने कहा, ‘‘हमारी बहन हमारा संबल थी। वह छोटी जरूर थी, लेकिन हमारे परिवार के लिए प्रेरणादायक थी। अब हम उसकी मौत के बाद चुप नहीं बैठेंगे। अब हम उसकी लड़ाई लड़ेंगे। जब तक आरोपियों को सजा नहीं मिलती, तब तक मेरी लड़ाई जारी रहेगी। मुझे तो आरोपियों ने पहले ही बदनाम कर दिया है। अब कुछ भी हो जाए, चाहे मुझे भी जला दिया जाए, लेकिन मैं अपनी बहन के हत्यारों को नहीं छोड़ूंगी। शव के पोस्टमॉर्टम होने के बाद हम लोग सीधे उन्नाव अपने गांव जाएंगे। अंतिम संस्कार वहीं होगा।’’
मां ने कहा- ‘जान के बदले जान चाहिए’
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मां ने रोते हुए दैनिक भास्कर APP से बात की। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे साथ तो उन लोगों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। हमारा तो सबकुछ उजड़ गया। अब जैसे हमारी बिटिया की जान गई है, हमें भी जान के बदले जान चाहिए।’’ वहीं, पीड़ित के भाई ने कहा कि मैं कुछ भी कह पाने की स्थिति में नहीं हूं। हमारे साथ अब हमारी बहन नहीं है। पांचों आरोपियों को सिर्फ मौत की सजा मिलनी चाहिए, इससे कम कुछ नहीं।
भाई से वादा लिया था- गुनहगारों को मत छोड़ना
जब पीड़ित सफदरजंग अस्पताल में शिफ्ट की गई थी तो वह होश में थी। दर्द से कराहते हुए उसने अपने भाई से कहा कि मैं मरना नहीं चाहती। पीड़ित ने अपने भाई से वादा भी लिया कि उसके गुनहगारों को मत छोड़ना। हालांकि, उसके बाद वह कुछ बोल नहीं पाई।